जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
शासन की नियम की धज्जियां उड़ाते हुए शासकीय शराब दुकान से भारी मात्रा में ढाबा संचालकों को शराब बेची जा रही है। छत्तीसगढ़ शासन का नियम है कि एक व्यक्ति 4 पाव या 1 बॉटल शराब एक बार में ले सकते हैं। लेकिन ये नियम धरमजयगढ़ के शराब दुकान में सिर्फ शराब प्रेमियों के लिए है ढाबा संचालकों के लिए नहीं। जिसका नतीजा है कि धरमजयगढ़ के ढाबों में खुलेआम शराब परोसी जा रही है। अगर ढाबों में शराब बंद करना है तो सबसे पहले प्रशासन को शराब दुकानदारों पर कार्यवाही करते हुए नियमानुसार शराब बेचने पर बाध्य करने होगा। ढाबा में शराब बेचने के मामले में जितना भी कार्यवाही होते हंै वह सिर्फ ढाबा मालिक पर होता है लेकिन ढाबा में इतना अधिक मात्रा में शराब कहां से आया इसकी ना तो जांच होती है और न ही उनपर कार्यवाही।
मोटरसायकल में ले जाते हैं थैला भर-भर के शराब
शराब दुकानदार और ढाबा संचालकों के बीच क्या सेटिंग है ये तो इन्हीं लोग बता सकते हैं क्योंकि शासन के नियम के विरूद्ध शराब दुकानदार खुलेआम ढाबा मालिकों को शराब दे देते हैं। आज भी एक रायगढ़ रोड के ढाबा संचालक द्वारा अपने नाबालिग कर्मचारी के माध्यम से एक थैला शराब मोटरसायकल से शराब दुकान से अपने ढाबा मंगवाया। और विडंबना देखिए कि शराब दुकान संचलक नाबालिक को भी थैला भर के शराब दे दिया है। अगर हमारी बात में किसी प्रकार कि किसी को शक है तो शराब दुकान में लगे सीसी टीवी कैमरा और गांधी चौक में लगे सीसी टीवी कैमरा को चेक करके देख ले शराब दुकान संचालक द्वारा कितना शराब मोटरसायकल सवार को दिया है। इस संबंध में धरमजयगढ़ आबकारी अधिकारी एसके नारांग से बात करना चाहा तो उन्होंने बताया कि मैं शादी कार्यक्रम में आया हूं बाद में बात करता हूं। अब देखना है कि आबकारी विभाग इनपर क्या कार्यवाही करती है?