जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
छत्तीसगढ़ में पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत नए स्कूल भवन बनाने से लेकर पुराने स्कूलों की मरम्मत के लिए साढ़े 3 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई थी। इस योजना के तहत धरमजयगढ़ ब्लॉक अंतर्गत 297 स्कूलों की स्वीकृति दी गई थी। लेकिन सालभर बीतने के बाद भी इस योजना के तहत बनाए जा रहे स्कूलों का काम पूरा नहीं हुआ है। जबकि 16 ऐसे स्कूल हैं, जहां पर ठेकेदारों द्वारा मरम्मत कार्य के लिए स्कूल भवनों को महज तोड़कर रख दिया गया है, तोडऩे के बाद ठेकेदार गुम सा हो गये। बता दें गर्मी की छुट्टी के बाद 15 जून से स्कूल फि र से शुरू होगा। ऐसे में निर्माण और मरम्मत नहीं होने से विद्यार्थी फिर जर्जर भवन में बैठकर शिक्षा के लिए मजबूर होंगे। ज्ञात हो वर्ष 2023 में पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नए शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले सीएम स्कूल जतन योजना शुरू की थी। जिसकी स्कूल निर्माण करने की पूरी जिम्मेदारी आरईएस विभाग को दी गई है। निर्माण कार्य शुरू होने के बाद मई 2023 तक सभी निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए समय सीमा तय किया गया था। रायगढ़ के पूर्व कलेक्टर भीम सिंह ने आरईएस के अधिकारियों को 30 सितंबर तक सभी अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए निर्देश दिए थे। बार-बार अधिकारियों के निर्देश देने के बावजूद जिले में योजना के तहत स्वीकृत काम पूरे नहीं हो पा रहे हैं। पिछले सत्र में स्कूल भवन की कमी व स्कूल बदहाल होने के कारण छात्र-छात्राओं को वर्षा के समय परेशानी का सामना करना पड़ा था। और इस वर्ष भी समय पर सरकार द्वारा बनाई कई स्कूल भवनों एवं कई योजना पूरा नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है?
इस संबंध में शिक्षा विभाग के आलाधिकारी-कर्मचारियों का कहना है कि काम शिक्षा विभाग का है, लेकिन काम की पूरी जिम्मेदारी आरईएस को दिया गया है। वे ही काम पूरा करा रहे हैं, और समय-समय पर हमें जानकारी उपलब्ध कराते हैं। योजना के तहत कुछ स्थानों में हुए निर्माण के गुणवत्ता की शिकायत भी हो चुकी है। लेकिन जिम्मेदार इस पर कार्रवाई कर रहे हैं और न ही मरम्मत ठीक से करा रहे हैं।
विकासखण्ड में अभी तक 16 स्कूल भवन मरम्मत निर्माण कार्य अधुरा
धरमजयगढ़ विकासखण्ड में अभी तक करीब 16 स्कूल भवन मरम्मत निर्माण कार्य ऐसे हैं जो अब तक शुरू नहीं हुआ है। महज भवनों को तोड़कर रख दिया गया है। इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों का कहना है, कि ज्यादातर काम विभागीय इश्यू के कारण शुरू नहीं हो पाए हैं तो कई स्थानों पर अन्य तकनीकी परेशानियां आ रही है। पहले विधानसभा के लिए लगे आचार संहिता के चलते काम प्रभावित हुआ और वहीं अब लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग गई। और आगे उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे लापरवाह ठेकेदार भी शामिल हैं, जिनको हमारे द्वारा अल्टीमेटम दिया गया है।