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जिले के बसों में बीजेपी पार्टी के प्रचार-प्रसार जोरों पर,संपत्ति विरुपण पर जिला प्रशासन फेल

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 जोहार छत्तीसगढ़-बलौदाबाजार।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 16 मार्च 2024 को प्रेस कॉन्फ्रें स आयोजित कर लोकसभा आम चुनाव 2024 की तिथियों की घोषणा की गई। इसके साथ ही आदर्श आचरण संहिता भी जिले में प्रभाशील हो गई। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर के एल चौहान के निर्देशानुसार सभी नगरीय निकायों, जनपद मुख्यालयों तथा ग्राम पंचायतों के सभी शासकीय भवनों से संपत्ति विरूपण पर टीम द्वारा कार्यवाही किया जाना है। इसके तहत सभी शासकीय भवनों सार्वजनिक स्थानों पर लगे बैनर, हॉर्डिंग्स, फ्लेक्स, झंडा, पोस्टर आदि को हटाने का काम निर्धारित समय में पूर्ण किया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही दीवार लेखन को भी मिटाने का सख्त निर्देश जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिया गया है। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आचार संहिता प्रभावी होने के 48 घंटे के अंदर सभी शासकीय भवनों सेए 72 घंटे के अंदर सार्वजनिक स्थानों से तथा निजी भवनों से 96 घंटे के अंदर संपत्ति विरूपण पर कार्यवाही पूरा करना है। साथ ही आचार सहिता लगते हीं पुरा प्रशासन मुस्तैदी से शांतिर्पूण चुनाव सम्पन कराने जुटा हुआ है। इसी तारतम्य में वाहनों की सघन चेकिंग अवैध तरीके से शराब, पैसे, प्रचार समाग्री आदि का परिवहन करते वाहनों पर कार्यवाही किया जा रहा है, समस्त शासकीय सम्पत्तियों जैसे भवन, खम्भे आदि से राजनितिक पोस्टर, बैनर, झंडे, फ्लेक्स हटाने, दीवारों पर शासन की योजनाओं का प्रचार कों पुतवाने का कार्य कई जगहों पर हों चुका है लेकिन लगातार शासकीय नियमों की अवहेलना एवं लापवाही के चलते जिले के नगरीय निकाय एवं ग्राम पंचायतो में अव्यवस्था का आलम व्याप्त है। परन्तु जिले के ग्रामीण एवं शहर में घर दुकान के दीवारों पर बड़े-बड़े राजनीतिक प्रचार-प्रसार वाले लेखन आज भी नियम कायदों की धज्जी उड़ाते हुए दिखाई दे रहें है। इस प्रकार से आदर्श आचार सहिता का उल्लंघन जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी के सह में अधीनस्थ कर्मचारी द्वारा धज्जिया उड़ा रहे है जिले के क्षेत्रो के गांवो में आचार सहिता का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है आदेशों को पालन कराने मे आरओ एवं अधिकारी नहीं करा पा रहे है। जिले मे बेखौफ होकर बसों मे बीजेपी के बैनर चिपके हुए दिख रहे है मानो बस चालकों के आचार संहिता की जानकारी ही नहीं है एवं सम्बंधितो द्वारा स्पष्ट लापरवाही को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे पहले विधानसभा निर्वाचन के दौरान संपत्ति विरूपण लापरवाही बरतने वाले लगभग 30 कर्मचारीयों पर कार्यवाही हुई थी। अब देखने वाली बात होंगी कि प्रशासन लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदार अधिकारियो पर किस प्रकार कार्यवाही सुनिश्चित करती है या फि र लापरवाही बरतने वाले अधिकारियो की पीठ थपथपाते हैं।

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