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सरपंच-सचिव ने डकारे शौचालय की राशि, ग्रामीणों के शिकायत पर नहीं कर रहे अधिकारी कार्यवाही… शिकायत के बाद जांच करने गये कर्मचारियों को घंटों रोक रखा ग्रामीणों ने… जांच अधिकारी के बुलाने पर भी नहीं आई सरपंच जिला बाई

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जोहार छत्तीसगढ़ – धरमजयगढ़।
केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर शौचालय का निर्माण कराने के लिए शासन द्वारा राशि स्वीकृत किया गया था। धरमजयगढ़ ब्लॉक में शौचालय निर्माण के नाम पर खुब गोलमाल होने की खबर हमेशा सुर्खियां बटोरती रही, हर दो चार दिन बात शौचालय में हुई भ्रष्टाचार की खबर समाचार पत्रों की सुर्खियां बनती रही लेकिन इसके बाद भी शासन-प्रशासन इस घोटाले की जांच नहीं करवाई, जिससे घोटाले बाज सरपंच-सचिव व अधिकारी कर्मचारियों के हौसले बुलंद होता रहा और लाखों करोड़ों का शौचालय घोटाला कर बैंठे? आज हम आप लोगों को बताने जा रहे हैं सरपंच-सचिव द्वारा किस तरह शौचालय घोटाला कर गरीब आदिवासी ग्रामीणों को लाखों का चुना लगाया। मामला है ग्राम पंचायत चन्द्रशेखरपुर का इस पंचायत में शासन द्वारा 340 शौचालय बनाने की स्वीकृति मिली थी, और शौचालय बनने का जिम्मा ग्राम पंचायत को दिया गया था। शासन के नियम अनुसार एक शौचालय के लिए 12 हजार रूपये शासन दे रहे थे। नियम यह भी था कि अगर कोई हितग्राही अपना शौचालय स्वयं बनवाते हैं तो प्रोत्साहन राशि के रूप में 12 हजार रूपये दिया जायेगा। ऐसा करने से ग्रामीण अपना शौचालय में शासन द्वारा प्रोत्साहन राशि के अलावा और अधिक राशि लगाकर एक अच्छा शौचालय निर्माण करवा सकते थे। क्योंकि पंचायत द्वारा बनवाया जा रहा शौचालय उपयोग करने लायक नहीं बन रहे थे, ग्राम पंचायत द्वारा निर्माण करवाया जा रहे शौचालय को देख चन्द्रशेखपुर के कई ग्रामीणों ने अपना शौचालय खुद बनाने का निर्णय लिया था। ग्रामीणों ने सोचा था की शासन से प्रोत्साहन राशि तो मिलेगा ही, और कुछ रूपये लगाकर एक अच्छा सा शौचालय निर्माण करवा लिया जाये लेकिन सीधे-साधे ग्रामीणों को क्या मालूम की उनके हक का पैसा उनके ही द्वारा चुने गये जनप्रतिनिधि ही डकार जायेंगे। शौचालय निर्माण हुए कई साल हो जाने के बाद भी हितग्राहियों को उनके हक का प्रोत्साहन राशि आज तक उनको नहीं मिला। प्रोत्साहन राशि मिल जाये इसके लिए चन्द्रशेखरपुर के ग्रामीण कई बार अधिकारियों के ऑफिस के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन शिकायत के बाद भी भ्रष्टाचार करने वाले सरपंच-सचिव पर कोई कार्यवाही नहीं हुआ। एकबार फिर दो-चार दिन पहले ग्रामीणों ने लिखित में शिकायत करते हुए स्थानीय प्रशासन से मांग किये थे कि उनके हक का प्रोत्साहन राशि उनको दिलाया जाये। जिसके बाद एक जांच टीम बनकार 6 मार्च को चन्द्रशेखरपुर भेजा गया था लेकिन जांच टीम के सामने भ्रष्टाचार करने वाली सरपंच उपस्थित नहीं हुई।
जांच टीम को कई घंटों तक बंदक बना के रखे ग्रामीणों ने
चन्द्रशेखपुर पंचायत में हुई शौचालय घोटाला की जांच करने गई जनपद पंचायत की टीम को कई घंटों तक ग्रामीणों का कोप भजन का शिकार होना पड़ा। बताया जा रही है कि जांच टीम द्वारा सरपंच को बुलाने पर सरपंच नहीं आई जिससे नाराज ग्रामीणों ने जांच टीम के  अधिकारियों को यह कहते हुए रोक रखा की जब तक शौचालय का प्रोत्साहन राशि हितग्राहियों को नहीं मिल जाता तब तक यहां से कोई नहीं जायेगा। ग्रामीणों का आरोप था कि सरपंच जिला बाई ने हितग्राहियों के लाखों का प्रोत्साहन राशि भ्रष्टाचार करते हुए डकार गये हैं। जांच टीम द्वारा लाख कोशिश करने के बाद भी ग्रामीणों के बीच सरपंच जिला बाई राठिया नहीं आई, काफी समझााईस के बाद ग्रामीणों को जांच टीम द्वारा एक पंचनामा बनते हुए भ्रष्टाचार करने वाली सरपंच जिला बाई पर कार्यवाही की बात कहने पर ग्रामीणों ने जांच टीम को वहां से आने दिया। अब देखना है कि भ्रष्टाचार करने वाली सरपंच जिला बाई एवं उनके सहयोग सचिव पर क्या कार्यवाही करती है प्रशासन?

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