जोहार छत्तीसगढ़-बलौदाबाजार।
विधानसभा निर्वाचन 2023 हेतु 09 अक्टूबर 2023 को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन की घोषणा किये जाने से आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गई है। चुनाव आयोग द्वारा जिले के कलेक्टर एसपी को स्पष्ट निर्देश दिया गया है छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले में शांतिपूर्ण ढंग से निर्वाचन कार्य सम्पन्न कराया जाना है चुनावी कार्यों के किसी भी तरह से कोताही एवं लापरवाही बर्दास्त नहीं है अगर चुनावी कार्यों को किसी भी तरह से आंशिक रुप से भी कोई चतुर्थ श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी तक कर्मचारी अधिकारी प्रभावित करने की कोशिश करती है तो चुनाव आयोग द्वारा एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए सख्त रुख अपनायेगी इसी तारतंय में चुनाव आयोग द्वारा सभी जिले के समस्त कलेक्टर एसपी को स्पष्ट निर्देश दिया गया है जिसमे कलेक्टर को चुनाव कार्य का संचालक एवं मॉनिटरिंग एवं पुलिस अधीक्षक को शराब जुआ सट्टा हवाला एवं मतदान केंद्र में सुरक्षा व्यवस्था इत्यादि कार्यों को कार्यवाही सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश है। हाल ही में चुनाव आयोग द्वारा दो कलेक्टर एवं तीन एसपी को चुनावी दृष्टिकोण से बदले तो वही किसी पार्टी विशेष द्वारा प्रत्याशी बनाये जाने पर एक शासकीय शिक्षक ने सोशल मिडिया के माध्यम से बधाई प्रेषित किया था तो चुनाव आयोग द्वारा तत्काल शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया इन सभी पहलुओं में देखते है यही समझ आता है कि किस प्रकार से चुनाव आयोग सक्रिय है तो वहीं जिला बलौदा बाजार भाटापारा के पलारी क्षेत्र अंतर्गत जुआ और सट्टा चरम सीमा पर वही पुलिस प्रशासन अपने मुख्य कार्य अपराध नियंत्रण कार्य को भूलते जाने का प्रयास कर रही है पलारी थाना क्षेत्र में इन दिनों सट्टे का अवैध कारोबार जोर शोर से चल रहा है। एक रुपए को नब्बे रुपया बनाने के चक्कर में खासकर युवा वर्ग अधिक बर्बाद हो रहे हैं। इसका गुणा भाग कर ग्राहक सट्टे की चपेट में बुरी तरह से फंस कर पैसा इस अवैध कारोबार में गंवा रहे है।पलारी थाना क्षेत्र के गावों मे सट्टा खेल फैल रहीं है शहर के पान के गुमटियों मेंएसब्जी मार्केट और चौक चौराहे में स्थित कई स्टोर्स व छोटे छोटे दुकानों में सट्टे लिखवाने वालों की भीड़ देखी जा सकती है।सटोरियों के चक्रव्यूह में लोग इस कदर फ ंस चुके हैं की इससे उबर नहींं पा रहे हैं। पुलिस और खाईवारो की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार नगर सहित आस पास के अंचल में पूरी तरह से फल फूल रहा है। सटोरियों ने भी गांव व नगर में अपना.अपना क्षेत्र बांटा हुआ है। पुलिस से सांठगांठ के चलते ये अवैध कारोबार को बाकायदा लाइसेंसी कारोबार के रूप में खुले आम नगर में संचालित किया जा रहा है। पुलिस और सटोरिया की सेटिंग इतनी तगड़ी है कि ऊपर अधिकारियों को दिखाने ये सटोरिया अपने गुर्गों के नाम कभी कभार एक-दो प्रकरण बनवा देते हैं। ऊपर बैठे अफ सरों को लगता है पुलिस कार्रवाई कर रही है। सवाल ये है कि जब पुलिस सटोरियों के गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई करती है तो फि र उनसे पूछताछ कर सटोरियों तक क्यों नहीं पहुंच पाती घ् कई बार सट्टा खिलाने का आरोप में पकड़े गए आरोपी के खिलाफ पुलिस क्या कार्यवाही अमल में लाती है और पुलिस की चेतावनी का सट्टा खिलाने वालों पर क्या असर पड़ता है। शहर के साथ इलाके में सटोरियो के उपर पुलिस कार्यवाही बंद होने के बाद अब सट्टा जोर शोर से शुरू हो गया हैएचौंक चौराहों के साथ साथ छोटे दुकानों में भी सट्टा लिखा जा रहा है पुराने सटोरियो के साथ नामचीन खाइवाल पुलिस की नाक के नीचे रोज लाखों का खेल कर रहे हैं पुलिस को भी इसकी जानकारी है लेकिन कार्यवाही रोक दी गई है। शिकायत और खबर लगने पर 2-4 पिद्दो को पकड़कर खुद का गुणगान करती है लेकिन गुर्गों के सरगना के गिरेबान पर हाथ डालने में पता नहीं क्यों हाथ कांपते हैं।इन सभी कार्यों को सुचारु रुप से संचालित करने के लिये थाने से एक उत्तराधिकारी पुलिसकर्मी नियुक्त किया जाता है जो थाने के आजीविका को सुनिश्चित करता है और सप्ताह के अंत में उत्तराधिकारी पुलिसकर्मी द्वारा थाने के कप्तान से लेखा जोखा के आडिट कराते है खैर जिला पुलिस प्रशासन इन सभी बातों से भलीभांति परिचित है उनको लगता है छोटे-छोटे खबरे तो पुलिस विभाग में चलती रहती है खबरे के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है। क्या पलारी थाना जिला पुलिस प्रशासन को विश्वास दिला सकती है कि सट्टे बिलकुल भी नहीं चल रही है जो आंकड़े के आधार पर सट्टे के अपराध नील है।
काहे का अपराध
सट्टा तो सिर्फ पुलिस का कमाई का जरिया है जो थाने तक ही सीमित रहता है और वहां पर लेनदेन कर प्रकरण को रफ ा-दफ ा कर दिया जाता है।
जनवरी 2023 से सितम्बर 2023 तक की स्थिति में सट्टा के आंकड़े
जिला बलौदाबाजार भाटापारा के लघु अधिनियम के अंतर्गत सट्टे की कार्यवाही हुआ है जिसमे जिला बलौदाबाजार भाटापारा कूल 87 प्रकरण दर्ज है जिसमे पलारी थाना में 10 प्रकरण है अर्थात 10 महीनों में 10 प्रकरण है महीने औसत 1 माह में केवल एक कार्यवाही मतलब थाना के आंकड़े अनुसार एक माह में केवल एक व्यक्ति ही सट्टा लिख रहा है उसे भी पुलिस थाना कार्यवाही कर रही है।