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धरमजयगढ़ विधान सभा का ताज किसके सर, क्या लालजीत सिंह राठिया लगा पायेगें हैट्रिक? … विधायक लालजीत का विजय रथ को रोकने में क्या कामयाब होगें हरिशचन्द्र राठिया?

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जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। धरमजयगढ़ विधानसभा में कांग्रेस एक तरफा राज किया है, वर्तमान विधायक लालजीत के पिताश्री स्व. चनेशराम राठिया लगभग 27 साल तक धरमजयगढ़ विधानसभा से विधायक रहे। चनेशराम राठिया अविभाजीत मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में केबिनेट मंत्री रहे। मध्यप्रदेश से अलग होकर सन् 2000 में छत्तीसगढ़ बना, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी और प्रदेश का प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी बने, कांग्रेस की तीन साल के शासन में विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ, प्रदेश में गरीब आदिवासियों के साथ खुलकर अत्याचार हुआ। विकास के नाम पर प्रदेश में खुब भ्रष्टाचार हुआ जिसका नतीजा है कि 2003 के विधान सभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनी, और धरमजयगढ़ विधानसभा की जनता लगातर जीत हासिल करने वाले चनेशराम राठिया को ठुकराते हुए भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश राठिया को विधायक बनाया, धरमजयगढ़ विधानसभा में पहली बार भाजपा जीत हासिल करने में कामयाब हुआ, और ओमप्रकाश राठिया के विधायक बनने के बाद क्षेत्र का खुब विकास हुआ, जिसका नतीजा है कि क्षेत्र की जनता ओमप्रकाश राठिया को फिर से विधायक बनाया लेकिन दूसरी कार्यकाल में विधायक राठिया क्षेत्र की जनता का भरोसा जीतने में कामयाब नहीं हो सका क्योंकि भाजपा के हर कार्यकर्ता, कार्यकर्ता नहीं नेता और ठेकेदार बन गये थे। जिससे ग्रामीण क्षेत्र की जनता भाजपा के ओमप्रकाश से काफी नाराज हो गये थे। 2013 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी लालजीत सिंह राठिया लगभग 20 हजार वोट से ओमप्रकाश राठिया को पराजित किया, लालजीत सिंह राठिया पहली बार विधायक बनने के बाद क्षेत्र की जनता को ये बताने की कोशिश किया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार नहीं होने के कारण इनके साथ पक्षपात किया जा रहा है। अपने विधानसभा का विकास छोड़ पड़ोसी विधानसभा क्षेत्र का खुब विकास किया ताकि धरमजयगढ़ की जनता ये समझे की छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार नहीं होने के कारण क्षेत्र का विकास नहीं हो सका, विधायक लालजीत सिंह ऐसा करके क्षेत्र के जनता का विश्वास जीतने में कामयाब हो गये हैं और 2018 के विधानसभा चुनाव में ओम प्रकाश राठिया के बहु लीनव राठिया को 40 हजार से भी अधिक वोटों से पराजित किया। जिस प्रकार ओम प्रकाश राठिया के दूसरे कार्यकाल में कार्यकर्ता कम ठेकेदार अधिक बन गये थे ठीक उसी नक्शे कदम पर विधायक लालजीत सिंह राठिया भी चलने लगे। अब कांग्रेस के हर कार्यकर्ता ठेकेदार बनकर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। ग्राम पंचायत के हर काम पर इनके कार्यकर्ताओं का कब्जा होता है, इनके कार्यकर्ताओं द्वारा काराये जा रहे निर्माण या तो अधूरा पड़ा हुआ है या फिर पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया है। इनके कार्यकर्ताओं द्वारा धरमजयगढ़ नगरीय क्षेत्र में भी निर्माण कार्य किया है, निर्माण कार्य को देखने से ऐसा लगता है कि इनको शासन-प्रशासन भ्रष्टाचार करने का ठेका दिया है? जिस तरह ओमप्रकाश राठिया को क्षेत्र की जनता ने ठुकरा दिया था ठीक उसी तरह विधायक राठिया के साथ भी जनता ऐसा करने का मन बना लिया है।

भाजपा प्रत्याशी हरिशचन्द्र राठिया के लोकप्रियता से वर्तमान विधायक चिंतित

भाजपा ने इसबार कई महिने पहले टिकट फाइनल करके विधायक राठिया को झटका दे दिया है, क्योंकि भाजपा हर बार चुनाव के एकाद महिने पहले टिकट फाइनल करता था जिसके चलते नाखुश दावेदारों को खुश करने में समय नहीं मिलता था लेकिन इसबार ऐसा करके भाजपा अपने नाखुश कार्यकर्ताओं को मनाने में कामयाब हो गये हैं। एक तो लालजीत का 10 साल का कार्यकाल से लोग नाखुश चल रहे हैं दूसरी ओर हरीशचन्द्र की लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ती जा रही है। लगभग दो माह से भाजपा प्रत्याशी विधानसभा क्षेत्र के लगभग सभी गांव में दौरा कर चूके हैं और भाजपा प्रत्याशी को जबदस्त जन समर्थन मिल रहा है। जनसमर्थन देखेने से ऐसा लगता है कि विधानसभा क्षेत्र की जानता इसबार बदलाव के मुड है।

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