जोहार छत्तीसगढ़ – धरमजयगढ़।
क्षेत्र में अपने और अपनों की जेबें भरने के लिए संगठित रुप से बड़े घोटाले को अंजाम देने और ऐसे अवैध गतिविधियों में संलिप्त सरकारी नुमाइंदों को उच्च अधिकारियों द्वारा संरक्षण प्रदान करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। आलम यह है कि या तो अधिकारी को पता नहीं कि उनका कार्यक्षेत्र का दायरा कितना है या वे जानबूझकर बताना नहीं चाह रहे। कई मर्तबा देखने को मिलता रहा है कि अपना पिंड छुड़ाने के लिए एक ही विभाग के अलग अलग इलाकों के अधिकारी सीमा विवाद को लेकर आपस में उलझ जाते हैं। अब ऐसा ही एक मामला धरमजयगढ़ क्षेत्र में सामने आया है। जिसमें विभाग के अधिकारी यह नहीं बता रहे हैं कि वह इलाका उनके अधीन आता है या नहीं। यह आश्चर्यजनक है कि एक वरिष्ठ अधिकारी जिस पर पूरे इलाके की सुरक्षा व विकास की जिम्मेदारी रहती है वे अपने सीमा क्षेत्र के बारे में जानकारी देने से परहेज कर रहे हैं। ऐसा करके शायद वे एक बड़े कारनामे पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं। यह पूरा मामला धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। हमारी टीम ने बाकारुमा रेंज के एक कार्य से जुड़े मामले को लेकर वहां के रेंज अफ़सर मरावी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने संबंधित क्षेत्र के कर्मचारियों के बजाय रेंज में कार्यरत किसी सुमन सरनेम वाले कर्मचारी, जो किसी दूसरे क्षेत्र का बीट गॉर्ड है, को वहां बुलाया। इस दौरान उस कर्मचारी ने एक झटके में यह बात कही कि वह क्षेत्र उनके इलाके में नहीं आता है। उसने यह इतने आत्मविश्वास से कहा मानो वही पूरे क्षेत्र का सबसे बड़ा ज्ञाता है। इस बीच हमने संबंधित क्षेत्र के डिप्टी रेंजर से वन परिक्षेत्र अधिकारी की बात भी कराई। इसके बाद रेंजर ने अगले दिन जानकारी देने की बात कही। फिर वही हुआ जो अक्सर होते आया है। बाकारुमा रेंजर को अब न फोन उठाने का समय मिल रहा है और न ही मैसेज का जवाब देने का। ऐसे में लगता है कि बाकारुमा रेंजर मरावी किसी बड़ी साजिश का हिस्सा बनने पर आमादा हैं। आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस साजिश के तार विभाग के उच्चाधिकारियों से भी जुड़े हो सकते हैं।