जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
घोटाले बाज लोग शासकीय राशि का गोलमाल करने का कई उपाय खोज लेते हैं। और घोटाले बाजों पर कार्यवाही भी नहीं करते उनके विभागीय अधिकारी। बताया जाता है कि घोटाले बाज घोटाला करने के बाद अपने उच्च अधिकारियों को उसका कमीशन ईमानदारी के साथ पहुंचा देते हैं। ताकि किसी प्रकार का कोई आंच ना आ सके। आज हम बात कर रहे हैं धरमजयगढ़ जनपद पंचायत के बोजिया ग्राम पंचायत का। इस पंचायत में कई प्रकार के घोटाले किये गये हैं। सरपंच-सचिव की मिलीभगत से बिना जीएसटी बिल के भुगतान कर दिये हैं। हम आपको बता दें कि दुकानदार द्वारा बिल में उल्लेख तक नहीं किये हैं कि कितने मात्रा में समान दिये हैं। बिल में सीधा-सीधा राशि अंकित कर दिया गया है जबकि बिल में बाकायदा मात्रा, दर अंकित होना चाहिए लेकिन बोजिया-सचिव और दुकानदार द्वारा मिलीभगत कर इस तरह के फर्जी बिल बनाकर शासकीय राशि का दुरुपयोग किया है। सरपंच सचिव द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 9 हजार का बूंदी सेव का बिल निकाला गया है। अब सोचने वाली बात है कि 15 अगस्त के दिन क्या 9 हजार का सेव बूंदी खाने वाले सरपंच सचिव को कहां से मिल गया। सरपंच -सचिव द्वारा किसी कान्हा होटल नवापारा का बिल लिया गया होटल संचालक द्वारा बिल में अंकित किया गया है बूंदी मात्रा 120 दर 50 रूपये कुल 6 हजार रूपये और सेव मात्रा 100 दर 30 रूपये कुल 3 हजार रूपये अब सवाल उठता है कि वर्तमान में बूंदी का दर 1 किलो 160 रूपये है और सेव 1 किलो 180 रूपये है फिर कान्हा होटल वाले बोजिया सरपंच-सचिव पर इतना मेहरबान क्यों हुआ कि आधे से भी कम दर पर सेव बूंदी दे दिया। सरपंच-सचिव ने 15 अगस्त 2021 में 9 हजार का और 26 जनवरी 2022 को 5 हजार का सेव बूंदी पर खर्च करना बताया है। मजेदार बात है कि 2021 से 2022 में समानों के दर में वृद्धि हुई है। लेकिन यहां पर भी सरपंच-सचिव घोटाले करने का एक रिकार्ड और बना लिए इसबार तो सेव, बूंदी आधा से भी कम दर पर कान्हा होटल वालों ने बोजिया सरपंच-सचिव को दे दिया है। कान्हा होटल वालों ने जो बिल बोजिया पंचायत में दिया है उसमें बूंदी मात्रा 120 दर 30 रूपये कुल 3600 रूपये, सेव मात्रा 100 दर 14 रूपये, 15 अगस्त 2021 में जो बूंदी 50 रूपये था वो बूंदी 26 जनवरी 2022 को 30 रूपये हो जाता है और 15 अगस्त 2021 सेव का दर 30 रूपये था वो सेव 26 जनवारी 2022 को 14 रूपये में बोजिया सरपंच को उपलब्ध करते हैं। अब सोचने की बात है कि क्या ऐसा हो पाना संभव है। इस तरह से ग्राम पंचायत बोजिया द्वारा शासकीय राशि को रेवड़ी की तरह बंदर बांट कर लिया गया । हम आपको इस पंचायत के और कई बड़े-बड़े घोटाले बताते रहेंगे पढ़ते रहिए जोहार छत्तीसगढ़।