जोहार छत्तीसगढ़-सारंगढ़।
सारंगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एक ऐसा जगह है जहां प्रतिदिन सैकड़ों लोग इलाज कराने के नाम से आते हैं और इलाज कराकर घर चले जाते हैं। लेकिन आने से लेकर जाने तक उनके साथ क्या होता है कैसे उन्हें सुविधा मिलता है कितना अच्छा है कितना बुरा ये किसी अधिकारी को नहीं पड़ा है और कहने को तो कहते हंै कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सारंगढ़ में सारी सुविधाएं उपलब्ध हो रही है लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ और ही है अभी भी इलाज कराने के नाम पर 50 लोग आए हुए हंै लेकिन किसी भी बेड में बेट सीट नहीं लगा और ना ही साफ -सफ ाई को लेकर किसी तरह का ध्यान दिया जा रहा है। बिना बेड सीट के मरीज सो रहे है हर दिन कोई ना कोई मरीज आता है और जैसे तैसे कर इलाज कराकर चला जाता है और बिना बेड सीट के इलाज हो जाता है किसी ने जहर खाया है,तो कोई दुर्घटना ग्रस्त होकर,तो सर्दी,बुखार,खुजली इन्फेक्शन आदि जैसे कई तरह के मरीज है और बिना बेड सीट के सो रहे हैं और फि र उसके जाने के बाद उसी में फि र कोई और मरीज का इलाज हो रहा है। उनको भी उसी बेड पर ही सुलाया जाता है। अब जरा सोच सकते हैं। कि क्या प्रभाव पड़ रहा होगा कई संक्रमण बीमारी है जो एक से दूसरे तक फैलने वाला होता है और बिना बेड सीट दिए संक्रामक रोग को बुलावा दे रहा है सारंगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,कोई मरीज ये सोचकर आता है कि मेरा अच्छा इलाज हो लेकिन यहां तो ठीक से एक बेड सीट नहीं मिल रहा है तो आप सोच सकते है कि वस्तु स्थिति क्या है और इलाज कराकर स्वस्थ होकर जाने के बजाय बल्कि और बीमार पड़ सकते हंै। क्योंकि सभी वार्ड पूरी तरह से बदबूदार है। इलाज कराने वाले के साथ स्वस्थ परिजन आ रहे हैं बदबू की वजह से उनके स्वास्थ्य में बुरा असर पड़ सकता है।
बीएमओ से लेकर कर्मचारी मंदमस्त
बिना बेड सीट और बदबूदार स्थिति को लेकर डॉक्टर और कर्मचारी को भी बोला गया। तो उनका कहना था कि कर्मचारी हड़ताल पर है जिसकी वजह से बेड सीड नहीं धुला है और साफ -सफ ाई को लेकर भी थोड़ा उचित ध्यान नहीं हो पा रहा है जब वास्तु स्थिति को सारंगढ़ एसडीएम को बताया गया तब जाकर तत्काल तहसीलदार को जांच में भेजकर सभी को सुधार कराने को कहा लेकिन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के द्वारा हड़ताल का हवाला देते हुए पल्ले झाड़ लिया गया सूत्रों की माने तो रात के अंधेरे में हॉस्पिटल की लापरवाही का उजाला खूब नजर आता है विभाग के अधिकारी इतने मस्त हैं। कि उन्हें कचड़ा या बदबू या मूल सुविधाएं जिसे नहीं मिल पा रहा है वो दिखाई नहीं देते और रोजाना ऐसे ही स्थिति में डॉक्टर और स्टाफ के साथ बीएमओ साहब भी राउंड मारने वार्ड में जाते हैं लेकिन उन्हें कभी दिखाई ही नहीं दिया या फि र उन्हें अपनी जवाबदारी जिम्मेदारी की कोई पड़ी नहीं है।
जिला चिकित्सा अधिकारी के संज्ञान में लाने पर हुआ सुधार
जब कुछ नहीं हुआ रात बीत गया दिन हो गया मरीज अपने घर से लाए हुए कपड़े लगाने के मजबूर हुए पूरे स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी अधिकारी को बताने के बाद भी कुछ नहीं हुआ तो मजबूरन जिला चिकित्सा अधिकारी को इस मालमे में अगवत कराया गया तब तो आनन-फ ानन में फ ोन के माध्यम से तुरंत संज्ञान लेते हुए बेड सीट की व्यवस्था किया गया। इलाज तो पूरा मिल रहा है लेकिन सफ ाई को नहीं है। अभी कुछ दिनों में मुख्यमत्री का आगमन है सारे विभाग हो गए चौकने लेकिन सारंगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदासीनता का आलम झेल रहा है। बहरहाल समुदायिक स्वस्थ केंद्र की शिकायत मुख्यमंत्री से होगी।