जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
रायगढ़ जिले के सड़कों का हाल देखने से आप ये नहीं बता सकते ये सड़क है या सड़क पर गड्डे, इतना बूरा हाल है इन जिले की सड़कों की हाल। आज हम बात कर रहे हैं धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र की सड़कों के बारे में सड़क का हाल इतना खराब है कि विधायक लालजीत राठिया को अपने गृह ग्राम से धरमजयगढ़ मुख्यालय आने के लिए रास्ता बदलकर बोजिया, खर्रा, आमापाली होते हुए धरमजयगढ़ आते हैं। अब आप सोच सकते हैं कि विधायक राठिया जी को धरमजयगढ़ मुख्यालय आने के लिए इतनी लंबा सफर क्यों करना पड़ रहा है। हाटी से धरमजयगढ़ तक 24 किलोमीटर की सफर करने में 1-2 घंटे लग जाते हैं, इस सड़क पर सफर करने से पहले भगवान से प्रार्थना करना पड़ता है हे भगवान मुझे सही सलामत घर तक पहुंचा देना। क्योंकि सड़क का हाल ऐसा है कि गड्डे में सड़क है बोलना लाजमी होगा। आखिर विधायक राठिया ठेकेदार के सामने क्यों घूटने टेक बैंठे हैं? छत्तीसगढ़ सरकार ने खरसिया से पत्थलगांव तक की सड़क का ठेका किसी श्री जी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को दिया है। बरसात को देखते हुए ठेकेदार को सड़क पर चलने लायक सड़क बना देना चाहिए था जब ठेकेदार द्वारा सड़क में किसी प्रकार की कोई सुधार नहीं किया जा रहा है और सड़क में गड्डे इतना बड़े-बड़े हो गये हैं कि आप इसे गड्डे नहीं तालाब भी कह सकते हैं। लेकिन हमारे द्वारा चूने गए जनप्रतिनिधियों को सड़क में बने तालाबनुमा गड्डे दिखाई नहीं देते हैं। विधायक राठिया को सड़क का हाल देखकर ठेकेदार की जबरदस्त क्लाश लेना चाहिए। लेकिन पता नहीं कि विधायक राठिया क्यों ठेकेदार के सामने चूप बैंठे हैं। अब तो क्षेत्र की जनता लालजीत राठिया को दो बार विधायक बनाकर ठगा सा महसूस कर रहे हैं क्योंकि विधायक राठिया क्षेत्र का विकास में कम अपना विकास करने में तुले हुए हैं जिसका नतीजा है कि आज सड़क का हाल बूरा है। धरमजयगढ़ से पत्थलगांव एवं खरसिया रोड पर चलना दूभर हो गया है। इन सड़कों पर गड्डा इतनी बड़ी है कि पूरी की पूरी गाड़ी समा जा रहे हैं। लेकिन विधायक राठिया को ये सब दिखाई नहीं दे रहा है।
विधायक राठिया क्यों ध्यान नहीं दे रहे सड़कों के हाल पर
आपको बता दे कि धरमजयगढ़ अब धीरे-धीरे टापू बनते जा रहे हैं। धरमजयगढ़ से कापू तक 32 किलो मीटर सड़क निर्माण का ठेका 2 साल से अधिक दिन पहले रायगढ़ के किसी ठेकेदार को ठेका दिया गया था और इस सड़क का निर्माण 20 माह में पूर्ण कर लेना था ठेकेदार को लेकिन 27-28 माह होने के बाद भी ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण का कार्य पूरा नहीं किया गया है। लेकिन विधायक राठिया को सड़क निर्माण में हो रही देरी पर कोई परेशानी नहीं है आखिर क्या कारण है कि विधायक जी ठेकेदार पर दबाव नहीं बना रहे हैं कि सड़क को गुणवत्ता के साथ समय पर पूरा करें? क्षेत्रिय विधायक होने के नाते सड़क समय पर और गुणवत्ता के साथ निर्माण हो इसकी जिम्मेदारी भी विधायक लालजीत राठिया की है। लेकिन विधायक राठिया यहां भी अपने जिम्मेदारी निभाने से दूर भाग रहे हैं। इस सड़क निर्माण में ठेेकेदार द्वारा गरीब आदिवासी किसानों के साथ छल करते हुए इनके कृषि भूमि का दादागिरी करते हुए हड़प लिया है। बिना मुआवजा दिए ही निर्माण कार्य कर दिये हैं जबकि शासन का नियम है कि बिना मुआवजा दिए किसानों की जमीन पर किसी प्रकार की कोई कार्य नहीं किया जा सकता है। लेकिन ठेकेदार की दादागिरी के सामने किसानों की एक ना चली और ठेकेदार के गुण्डों ने जबरन आदिवासी किसानों के खेत में अवैध तरीके से कब्जा कर सड़क निर्माण कर दिया है। मजेदार बात है कि विधायक के साथ-साथ भू-अर्जन अधिकारी भी ठेकेदार के सामने घूटने टेेंक बैंठे हैं। जिसका नतीजा है कि गरीब आदिवासी किसान की आवाज सूनने वाला न तो जनप्रतिनिधि और न ही अधिकारी-कर्मचारी।