जोहार छत्तीसगढ़-रायगढ़।
संगठन के व्यस्तम दौरे के मध्य जांजगीर जिले में खोखरा रोड के निकट से गुजरते समय केद्रीय विद्यालय का बोर्ड को देखकर प्रदेश भाजपा नेता ओपी चौधरी की पुरानी यादें ताजा हो गई। सोशल मंच में केंद्रीय स्कूल से जुड़ी यादों को तरोताजा करते हुए ओपी चौधरी भावुक भी हुए। सोशल मंच में ओपी चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि 1998 के दौरान जिला निर्माण के बावजूद16 वर्षों तक केंद्रीय विद्यालय का निर्माण नहीं हो पाया था। 2014 के दौरान बतौर कलेक्टर उनकी पदस्थापना इस जिले में हुई। ओपी का मानना है लक्ष्य हासिल करने में जितनी बड़ी बाधा हो उसे संकल्प शक्ति के जरिए आसानी से पार किया जा सकता है। कलेक्टर बनते ही उन्होंने केंद्रीय स्कूल निर्माण की दिशा में प्रयास तेज किए। पालीटेकनिक कालेज कैम्पस में अस्थायी शुरुआत की गई। इसके बाद केंद्रीय विद्यालय के निर्माण हेतु जांजगीर-चाम्पा के मध्य कुलिपोटा में जमीन आबंटित की गई। एनएच घोषित होने की वजह से आबंटित जमीन दो हिस्सों में बंटने के कारण आवंटन निरस्त हो गया। ओपी ने नया क्षेत्र खोखरा स्थित जमीन का आबंटन कर स्कूल निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। शिक्षा के इस पावन व वृहद मंदिर को देखकर आत्मिक संतोष हासिल करने वाले ओपी चौधरी को छग प्रदेश के बदलाव के महानायक के रूप में देखा जा रहा है। नक्सल क्षेत्र के अंधकार में शिक्षा के जरिए आलोक फैलाने वाले ओपी के प्रयासों को केंद्र की मनमोहन सरकार ने सराहा तो वही राज्य की तात्कालिक रमन सरकार ने भी ओपी के माडल को अपनी योजनाओं में शामिल किया। कार्यों का उद्देश्य जन सेवा को समर्पित हो तो चाहे पक्ष हो या विपक्ष मिलते जन समर्थन के प्रवाह को रोक पाना किसी के बस में नहीं होता।