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कोयला अफरा तफरी मामले में उच्च अधिकारियों से शिकायत की तैयारी, पावती देने वाले आरोपी, लेकिन खरीदी बिक्री करने वाले गिरफ्त से बाहर क्यों?

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जोहार छत्तीसगढ़- धरमजयगढ़। 
धरमजयगढ़ के प्रेमनगर साइडिंग में कोयला अफरा तफरी का मामला सामने आया है। जिसमें दो गार्ड एवं दो हाइवा चालक को आरोपी बनाया गया है। जिसमें से दोनों गार्ड एवं एक ड्राइवर को धरमजयगढ़ पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिसमें से दोनों गार्ड को न्यायालय से जमानत मिल गई है। इस मामले में अब नया मोड़ सामने आने वाला है।


सिर्फ पावती देने वाला आरोपी, लेकिन खरीद बिक्री करने वाले क्यों नहीं


कोयला परिवहन करने वाला कम्पनी दोनों गार्ड एवं दोनों ट्रक चालक के नाम पर एफआईआर दर्ज कराया है।क्योंकि दोनों गार्ड ने सिर्फ कोयला का रिसीविंग पर्ची दिए है। वहीं ट्रक चालक कोयला को जगह तक पहुंचाने में मदद किए हैं। लेकिन खरीद बिक्री का खेल करने वाला तो कोई और है, जो इस मामले से अनजान बन रहे हैं। 

प्रताड़ित होने वाले के परिजन उच्च अधिकारियों से करेंगे शिकायत, सभी दोषियों पर कार्यवाही की करेंगे मांग

सूत्रों से पता चला है कि आरोपी गार्ड एवं ट्रक चालक के परिजन अब उच्च अधिकारियों से शिकायत की तैयारी कर रहे हैं। जो कोयला अफरा तफरी में शामिल सभी दोषियों पर कार्यवाही की मांग करेंगे। क्योंकि एफआईआर में बताया गया है कि दोनों गार्ड  20-20 हजार रुपये लेकर सिर्फ पावती दिए हैं। लेकिन अफरा तफरी में अन्य आरोपी भी शामिल हैं। जो मोटी रकम लेकर खरीद बिक्री किए होंगे। लेकिन पता नहीं क्यों वे लोग पकड़ से बाहर हैं। सूत्रों की मानें तो पीड़ितों के परिजन बड़े स्तर पर अनशन की तैयारी में लगे हैं। क्योंकि उनका कहना है कि जो भी शामिल है सभी पर कड़ी कार्यवाही हो।चाहे अपना परिजन हो या कोई भी हो।
शुरुआत में कई सफेदपोशों का नाम आ रहा था सामने लेकिन…
शुरुआत में जब कोयला अफरा तफरी का मामला सामने आया तो कई सफेदपोशों का नाम सामने आ रहा था। जिसमें सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों का नाम भी शामिल है। लेकिन धीरे धीरे सब कुछ पलट गया और सिर्फ दोनों गार्ड एवं दोनों चालक को ही दोषी ठहरा दिया गया। लेकिन क्या बात यहीं खत्म हो गया या आगे कुछ और मोड़ लेगा देखना होगा। क्योंकि जब कोयला जप्त किया गया है तो कोई न कोई खरीददार होगा। यदि खरीददार होगा तो विक्रेता भी होगा। पुलिस इन सब पहलुओं पर विचार कर सकती है। शहर में दबी जुबान से चर्चा है कि मास्टरमाइंड सत्तापक्ष के होने के कारण उनके गिरेबां तक पुलिस नहीं पहुंच रही है। अब देखना होगा आगे की कार्यवाही में कुछ नाम सामने आते हैं, या यही बात सच साबित होता है।

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