जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
पिछले विधानसभा चुनाव में बुरी तरह मात खा चुकी भाजपा इस बार पहले से ही सोच समझकर कार्य कर रही है। भाजपा ने प्रदेश के सभी 90 विधानसभा सीट को तीन हिस्सों में बांटा है। जिसे क्रमश: सामान्य, संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील कहा गया है। कांग्रेस की आंधी में भी जीतने वाले सीट सामान्य वर्ग में हैं। जहां बहुत मतों से हार हुई है उसे संवेदनशील वर्ग में रखा गया है। जहां 20 हजार से ज्यादा मतों से हार हुई है ऐसे सीटों को अतिसंवेदनशील माना गया है। धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र भी अतिसंवेदनशील श्रेणी में आता है। क्योंकि 2018 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की 40 हजार से ज्यादा मतों से पराजय मिली थी। जिसे देखते हुए प्रदेश नेतृत्व इस बार इस सीट पर कड़ी नजर बनाई हुई है। धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं की गुटबाजी को देखते हुए हाई कमान ने अभी से फैसला सुना दिया है। इस क्षेत्र से सांसद गोमती साय को विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बनाया जाएगा। क्योंकि लोकसभा चुनाव में गोमती साय कांग्रेस प्रत्याशी लालजीत सिंह राठिया को लाखों वोट से परास्त कर चुकी हैं। गोमती साय के विधानसभा चुनाव लडऩे से कार्यकर्ताओं में फैली गुटबाजी समाप्त हो जाएगी। इस सीट से भाजपा की जीत सुनिश्चित हो जाएगी। बता दें कि पूर्व विधायक स्वर्गीय ओमप्रकाश राठिया के निधन के बाद इस क्षेत्र में गुटबाजी बढ़ गई है। क्योंकि कोई किसी को अपना नेता मानने को तैयार नहीं हैं। अभी यदि देखे तो भाजपा से लगभग 10 संभावित उम्मीदवार दिखाई दे रहे हैं। जो अपनी मजबूत दावेदारी के लिए प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं। जिसमें से कई पुराने दावेदार हैं तो कुछ नए नेता लाइन में लगे हैं। अटकलें लगाई जा रही है कि इस बार स्वर्गीय ओमप्रकाश राठिया के परिजनों को भाजपा टिकट नहीं देगी। किसी दूसरे को मौका देगी। जिससे दावेदारों की लिस्ट लम्बी हो गई है। जिसे देखते हुए भाजपा हाईकमान ने अघोषित रूप से बता दिया है इस क्षेत्र से किसी भी स्थिति में जीत हासिल करना है। जिसके लिए गुटबाजी को समाप्त कर एकजुट होकर लड़ाई लडऩा होगा। इसलिए सांसद गोमती साय ही एक मात्र विकल्प दिखाई दे रही है। जिन्हें सभी स्वीकार करेंगे। हो.स.