जोहार छत्तीसगढ़-घरघोड़ा।
रेत तस्करी के खेल में स्थानीय लोगों के जागरूक विरोध के बाद जीवन दायिनी कुरकुट के घाटों से हो रहे रेत तस्करी मुख्यमंत्री के आदेश के बाद 5-7 अवैध रेत ट्रेक्टर वालों पर कार्यवाही की गई। परंतु इसके महज कुछ दिनों बाद फि र से बुलंद हौसलों के साथ रेत तस्करी का शुरू होना इंगित करने काफ ी है कि रेत तस्करों के मन में प्रशासन का तनिक भी भय नहीं है। प्रशासन और रेत तस्करों की मिलीभगत से जनचर्चा का विषय बनती रही हैं। हालांकि प्रशासन ने कंचनपुर घाट पर रेत तस्करों पर आशिंक कार्यवाही कर मिलीभगत की बातों को जस्टिफ ाई करने की कोशिश की परन्तु कार्यवाही के चंद दिनों बाद ही तस्करों का फि र से सक्रिय होना प्रशासन के लिए नई चुनौती है और अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री के आदेश पर तस्करों पर प्रशासन का डंडा चलता है ढाक के तीन पात होता है।
आखिर क्यों नहीं रेत तस्करों में प्रशासन का भय
घरघोड़ा क्षेत्र में रेत तस्करी के स्वर्ग बने कंचनपुर घाट में स्थानीय लोगों के तीव्र विरोध के बाद लगभग बन्द पड़े रेत तस्करी के काम को अब तस्कर नई जुगत से पुन: गति देने आमादा हैं। कंचनपुर घाट से रेत की चोरी बन्द होने के बाद तस्करों ने घरघोड़ा से सटे ग्राम के टेरम आस-पास के घाटों को नये तस्करी का पॉइंट बना कर काम शुरू कर दिया है। टेरम के पास छिरभौना, कारीछापर जैसे नदी घाटों से तस्करी का खेल बेरोकटोक जारी है। तस्करों द्वारा पुन: बड़े पैमाने पर इन घाटों से ट्रेक्टर के जरिये अवैध रूप से रेत की तस्करी चालू कर दी गयी है।