कुमारी उमा यादव, जोहार छत्तीसगढ़
धरमजयगढ़। एंकर:- जनपद पंचायत धरमजयगढ़ के अंतिम छोर पर बसा ग्राम पंचायत देऊरमार में सरपंच-सचिव द्वारा खुलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। हम आपको बता दे कि इसी भ्रष्टाचार को लेकर जिले में बवाल मच रखा है अधिवक्ता संघ और तहसीलदार संघ के बीच। धरमजयगढ़ जनपद पंचायत में भ्रष्टाचार इतना अधिक पाव पसर रखा है कि आप अनुमान भी नहीं लगा पायेंगे। जिसका नतीजा है कि शासन द्वारा गरीबों को अपने परिवार पालने में कोई परेशानी न हो इसके लिए मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को 100 दिन के जगह बढ़ाकर 150 दिन किया गया है लेकिन सरकार का ये नियम ग्राम पंचायत दऊरमार में सिर्फ कगजों में ही दिखाई दे रहा है। सरपंच-सचिव की मनमानी के चलते आज गरबी आदिवासी मजदूर भूखे प्यासे रहने मजबूर हो रहे हैं।
पंचायत के सरपंच सुकलाल राठिया और सचिव यादराम धीरे ने मनरेगा कार्य में खुलकर भ्रष्टाचार करते हुए तालाब निर्माण का कार्य मजदूरों से ना करवाकर जेसीबी मशीन से करवाया जा रहा है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जनपद पंचायत सीईओ धरमजयगढ़ एवं एसडीएम धरमजयगढ़ से किया है। अब देखना होगा की भ्रष्टाचार करने वाले सरपंच-सचिव पर क्या कार्यवाही होता है या फिर हरबार की तरह इन लापरवाह सरपंच-सचिव को भ्रष्टाचार करने की खुली छूट दे दिया जाता है यह तो आने वाले समय में पता चलेगा। लेकिन एक बात तो साफ है कि धरमजयगढ़ जनपद पंचायत के लगभग सभी ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार खुलकर चल रहा है और अधिकारी-कर्मचारी इन भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में असफल अखिर क्यों हो रहा है?