Home छत्तीसगढ़ 112 या 108 की प्रतीक्षा में मानवता धर्म न भूले लोग, ...

112 या 108 की प्रतीक्षा में मानवता धर्म न भूले लोग, सड़क हादसे में घायल लोगों को जितनी जल्दी हो सके अस्पताल पहुंचाना सबसे जरूर

195
0



नितिन सिन्हा

जोहार छत्तीसगढ़-रायगढ़।
आज सुबह 10 बजे के आसपास रायगढ़,जामगांव रोड में शहर से करीब 7 किमी. दूर ग्राम चिटकाकानी कोतरलिया में एक गम्भीर सड़क हादसा हुआ। यह एक तेज रफ्तार मोटरसाइकिल चालक ने सायकल से घर वापस जा रहे 55 वर्षीय अधेड़ को पीछे से जोरदार ठोकर मार दी। घटना इतनी गम्भीर थी कि न केवल अधेड़ की सायकल टूट-फ ुट गई। बल्कि वह खुद खून से लथपथ हो गया। घटना के बाद वह मौके पट घायल होकर तड़पने लगा। उसके मुंह और नाक से लगातार खून की धार बह रही थी। किसी तरह उसे ग्रामीण सड़क से उठा कर पास के एक घर की परछी में ले आये। इसी बीच दो गमछे से उसका खून रोकने और साफ करने की कोशिश की गई। तब तक सड़क पर दुर्घटना देखने वालों की भीड़ लग गई थी। भीड़ में कई मोटरसाइकिल और कार वाले लोग भी खड़े थे। उनमें एक मैं भी था। जो बच्चे स्कूल से वापस लौट रहा था। मैने पत्रकार होने के नाते घटना का विजुवल बनाया, घटना और आहत की जानकारी ली। इसी बीच लोगों से 112 या 108 में काल करने को कहा। किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मैने खुद 112 सेवा को काल किया खबर मिली कि 1 घण्टे के बाद ही वो घटना स्थल पर पहुंच पाएंगे। इसी बीच वहां उपस्थित लोगों ने बताया घायल का नाम करुणा उम्र 55 वर्ष निवासी कोतरलिया है। उसके घर मे उसके अलावा महिलाएं ही है। अत: जो भी करना है हमे ही करना पड़ेगा। घायल की हालत देखकर लग रगा था 112 कि प्रतीक्षा में अधेड़ की जान पर बात बन आएगी। मैंने लोगों से कहा कि मेरी गाड़ी जनअ 300 का एक गेट लॉक जो खुलता नही है। अत: आप में से कोई भी कार या बाइक वाले आहत की गम्भीर स्थिति को देखते हूए शीघ्रता से अस्पताल पहुंचाए। एक कार वाले भाई ने कहा इनका तो सड़क पर ही इतना खून बह चुका है अब मेरी गाड़ी में खून लग जायेगा। ऐसे ही बाकी लोगों ने भी हंगामा करने के अलावा कुछ नही कहा। इनके बीच खड़े एक दो अन्य लोग कहने लगे कि ये पुलिस केस है। आप 112 को बोल दिए है, अब वही आएगी तभी बनेगा। इधर दर्द से तड़पता हुए अधेड़ करुणा जी अत्यकधिक खून बहने के कारण बार-बार अचेत होने लगे थे। लोगों की प्रतिक्रियाओं को देखते हुए अंतत: मैने निर्णय लिया कि अब जैसा भी हो मैं ही अपनी गाड़ी में घायल को अस्पताल पहुंचाऊंगा। एक दो लोगों से कहा आप लोग मदद करिए इन्हें मेरे साथ उठाकर एक तरफ से मेरी गाड़ी में लिटा दीजिए, और हो सके तो कोई भी एक आदमी जो इन्हें पहचानता है वो साथ चलिए। इन्हें जल्दी ही अस्पताल पहुंचाना जरूरी है। लोग तैयार हुए आनन-फ ानन में घायल करुणा जी को मेरी गाड़ी में लिटाया एक व्यक्ति साथ हो लिए। दर्द भरे 15 से 20 मिनट की यात्रा के बाद हम घटना स्थल से लगभग 8 किमी दूर जिला अस्पताल की आपात सेवा तक पहुंच गए। तब तक घायल करुणा वापस अचेत हो गए थे। उन्हें अस्पताल कर्मियों की मदद से आपात सेवा में भर्ती करवाया। डॉक्टरों की प्राथमिक जांच में यह पता चला हम सही समय पर अस्पताल पहुंच गए अन्यथा 15 से 20 मिनट की और देरी से स्थिति बिगड़ सकती है। हमने 112 को वापस सूचना दे दी कि वो परेशान न हो हमने आहत को अस्पताल पहुंचा दिया है। यहां उनका इलाज जारी है। अब ईश्वर से हमारी प्रार्थना है कि जल्दी ही करुणा जी स्वस्थ होकर अपने घर परिजनों के पास वापस जा पाएं।
वही मुझे लोगों से एक अपील भी करनी है कि किसी भी सड़क हादसे के बाद वो आपातकालीन सेवा का इंतजार न करें। जिसके पास जो भी साधन उपलब्ध हो,घायलों को जितनी जल्दी हो सके अस्पताल पहुंचाने का प्रबंध करें। क्योंकि तुरंत की हुई मदद ही, किसी की जान बचा सकती है। अब तो सरकार भी मदद करने वालों के साथ खड़ी है। हाल ही में देश के सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में स्पष्ट व्याख्या की है कि सड़क हादसों में घायलों की मदद करने वालों से पुलिस पूछताछ नहीं करेगी। दूसरा हादसों में घायलों को नजदीक के किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में भर्ती करवाया जा सकेगा। निजी अस्पताल में इलाज के लिए कोई पैसों की मांग नहीं करेगा। अगर निजी अस्पताल प्रबंधन इलाज में देरी करता है। तो उसके विरुद्ध सरकार कड़ी कार्यवाही करेगी। मैने आज की घटना के अलावा पिछले 23 सालों 15 घायल लोगों को अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में बिना समय गंवाए अविलंब अस्पताल पहुंचाया है। परन्तु मुझे कभी भी किसी तरह की कोई कानूनी समस्या नहीं हुई। जबकि अधिकांश बार मैंने पहले घटना की सूचना स्थानीय पुलिस थाने में देकर यह काम किया। तो कई बार पुलिस को बिना पूर्व सूचना दिए ही सहायता करनी पड़ी। यहां पुलिस को कई घन्टों बाद जानकारी मिली कि घायलों को किस तरह अस्पताल पहुंचाया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here