जोहार छत्तीसगढ़-लोरमी।
वैसे तो जिला मुंगेली अपने काले कारनामों से चर्चित है। जिसकी आबादी लगभग सात लाख की है कहने को तो यह एक छोटा सा जिला है मगर इतना ही भ्रष्टाचार से लिप्त यहां के अधिकारी कर्मचारी अपने हरकतो से बाज नहीं आते ऐसा ही मामला वर्तमान में जिला मुंगेली कहां है। जहां कार्यवाही के नाम पर मात्र बोल बच्चन ही सुनाया जाता है पूरा मामला शिक्षा विभाग का है जहां विगत कुछ माह पहले इस जिले में नए अधिकारी का स्थानांतरण यहां हुआ था। जिनके यहां आते ही शिक्षा विभाग में मानो तो भ्रष्ट की मानसिकता रखे लोगों में मनोबल की ढेर सी लग गई हो, विगत कुछ दिनों पहले मीडिया के साथी जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में कुछ पुरानी शिकायतों की कॉपी लेकर उनके समक्ष गए और पूछा गया कि इन मामलों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई हैं तो सीधे जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मामलो पर कार्यवाही कर दिए हैं कार्यवाही पूर्ण हैं कहते हुए बात को गोल-गोल घुमाते रहे वही कोरोनाकाल में प्रशासनिक आदेश जारी हुआ था। किइस वैश्विक महामारी के दौरान स्कूलों में विद्यार्थियों से फ ीस नहीं लेना है मगर सीधे प्रशासन की इस आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए शासकीय गोड़ खाम्ही हाई स्कूल के प्राचार्य व शाला प्रबंधन द्वारा पूरे वर्ष का फ ीस विद्यार्थियों से वसूल लिया गया था जो आरटीआई में परिपूर्ण है जिसमें लगभग आठ लाख रूपए विद्यार्थियों से वसूली किया गया है इस मामले पर भी जिला शिक्षा अधिकारी को जब अवगत कराया गया और कार्यवाही के बात किया गया तो मेरी मुर्गी के एक टांग जैसे इस मामले में भी बोल दिया कि कार्यवाही कर दिए हैं वही मीडिया खबर के लिए बाइट मांगा गया तो जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बोला गया मैं बाइक नहीं दे सकता बाकी कार्यवाही कर दिया हूं करके उनके द्वारा सीधे गोलमोल तरीके से जवाब दिया गया वही उनके द्वारा यह भी कहा गया कि स्थानांतरण निलंबन नोटिस जारी करना यह सब कार्यवाही नहीं होता है कार्रवाही का अलग ही तरीका है जिस पर मीडिया के द्वारा यह कहा गया कि ऐसे में भ्रष्टाचारियों के ऊपर उच्च अधिकारियों का सह हैं तो शिक्षा अधिकारी द्वारा सीधे ही बोल दिया गया कि अगर आपको ऐसा लगता है तो मैं मेरा शय है आपको जैसे लिखना है जैसे खबर बनाना है वैसे बना लीजिए मुझे इन सब से प्रभाव नहीं पड़ता कहते हुए अपना बोल बच्चन सुनाते गए जिससे बड़ी भ्रष्टाचार का मसला समझ आता है। और वहीं इस मामले को जिले के कलेक्टर को अवगत कराया गया तो उनके द्वारा भी गोलमोल जवाब देते हुए कहा गया कि शिक्षा विभाग का मामला है तो शिक्षा विभाग के अधिकारी से बात करो वही कार्रवाई करेंगे कहते हुए मीडिया के साथियों को यह भी कहा गया कि तुम को यह सब जानकारियां कहां से मिल जाती है हमारे अधिकारी जैसे भी हैं वह अपने काम कर रहे हैं कहते हुए जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ दारी करते नजर आए अब देखने वाली बात यह होगी क्या कलेक्टर ऐसे भ्रष्ट अधिकारी के ऊपर सख्त कार्यवाही करेगा है या भ्रष्ट अधिकारी से मिलीभगत कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा।