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जनमानस की खबर प्रकाशित करना महंगा पड़ा पत्रकार दिनेश जोल्हे को

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जोहार छत्तीसगढ़-सारंगढ़।
महीनों पूर्व ग्रामीण शिवचरण जोल्हे की लिखित शिकायत सारंगढ़ एसडीएम व शिकायत जनपद सीईओ के पास किया गया था। वही भयभीत की शिकायत सारंगढ़ थाने में भी दिया जा चुका है। कि ग्राम पंचायत हिर्री के ताराचंद कोशले के द्वारा सरकारी बोर को कब्जा कर बाउंड्रीवाल लगाकर स्वयं बेजा का लाभ उठा रहा है। जिससे मुहल्ले वासियों के साथ आने जाने वालों को पानी पीने की लाभ नहीं मिल पाना जनहित मुद्दा बन गया था। इसकी लिखित शिकायत महीनों पूर्व हुई थी। जिस सम्बन्ध में पत्रकार दिनेश जोल्हे के द्वारा शिकायत कॉपी को उठाकर ताराचंद कोशले के नाम सहित प्रकाशित किया गया था। जिसमे जनपद स्तर से जांच दल गठित भी किया जा चुका है। पूर्व में ताराचंद कोशले ने अपनी पत्नी संतोषी कोशले के नाम को इस्तेमाल करते हुए धरम सिंह जोल्हे, कैलाश जोल्हे, शिवचरण, रूपसिंह जोल्हे, इनके नाम पर भी शिकायत कर चुकी है। शिकायत करके राजीनामा के तौर पे पैसो की मांग करती है। इस पे शिवचरण जोल्हे ने थाने में 9 अगस्त 2021 को थाना में शिकायत दिया था। इस तारतम्य में ताराचंद कोशले अपने पत्नी संतोषी कोशले के द्वारा रंजिश रखा हुआ था। कि खबर छापा है करके जिसमे आज एक जनहित की खबर उठाने वाले पत्रकार के नाम 17,18 अक्टूबर की रात्रि पत्रकार दिनेश जोल्हे के नाम पर थाने में शिकायत किया गया है। जिसमे दिनेश जोल्हे के द्वारा अपनी बातों को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया था। कि खबर प्रकाशित से लेकर फंसाने की साजिश के सम्बंध में शिकायत थाने में दिया जा चुका था। आखिर कार जनहित मुद्दा को उठाकर शासन प्रशासन तक पहुंचाना महंगा पढ़ गया ऐसे में पत्रकार की साख कही न कही खतरे में ही पढ़ा हुआ है। पत्रकार के खिलाफ शिकायत देने के बाद पूरे पंचायत के सरपंच समेत पंचगण ने सार्वजनिक स्तर पे लिखकर शील लगाकर यह शिकायतकर्ता महिला ने पूर्व में भी 4,5 लोगों को ऐसे ही केश पे फं सा चुकी है। जिसकी कॉपी सारंगढ़ एसडीओपी के पास जमा किया जा चुका है। वही एसडीओपी व टीआई को पृथक से कुरियर भी किया जा चुका था। दिनेश जोल्हे ने पूर्व में बताया था। कि संतोषी कोशले के द्वारा घर घुस कर छेड़छाड़ की शिकायत की गई जो पूरी तरह से निराधार व मिथ्या है अगर पुलिस प्रशासन जिस समय का शिकायत हुआ है उस समय मोबाइल को ट्रेस करे या पूरे 5,7 वर्षो का करे फि र भी मिथ्या निकलेगा क्योंकि उस महिला को आज तक पहचान भी नहीं पाया है न ही देखा है। ऐसे में छेड़छाड़ में फंसाना बहुत ही निंदनीय प्रतीत हो रहा है। नारी शक्ति की एक अलग पहचान है लेकिन 4,5 युवको को ऐसे ही फंसाना सोचने वाली बात है कि कहा तक सत्य है अगर इसमे जांच किया जाएगा तो दूध का दूध और पानी का पानी हो ही जाएगा। बरहाल पुलिस प्रशासन को गम्भीरता के साथ जांच कर उचित निर्णय लेना सही था। लेकिन एक पकक्षीय कार्यवाही करना कताई सही निर्णय नहीं है। अगर ऐसे झूठी शिकायत पर बिना जांच किये सिर्फ महिलाओं के शिकायत पत्र पर ही कार्यवाही करना संविधानिक कार्यवाही नहीं है। ऐसे अगर होता रहे तो जनमानस पर झूठी और मिथ्या शिकायत की भरमार हो जाएगी ऐसे में सत्य की डोरी डूबने देर नहीं होगी। दिनेश जोल्हे एक स्वतंत्र, निर्भीक, निष्पक्ष पत्रकार था और रहेगा ऐसे झूठी और मिथ्या शिकायत से डरने वाले नहीं है।

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