नई दिल्ली । गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और नवेलिम से विधायक लुइजिन्हो फेलेरो ने विधानसभा सदस्यता और फिर कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद ही फेलेरो ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी है जिसने बवाल खड़ा कर दिया है। दरअसल, इस चिट्ठी में फेलेरो ने बिना नाम लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाया कि उनकी वजह से 2017 में गोवा में कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई। फेलेरो ने आरोप लगाया कि 2017 विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के पास बहुमत के लिए जरूरी 21 विधायकों का समर्थन था लेकिन कांग्रेस प्रभारी द्वारा उन्हें राज्यपाल के पास जाने से रोक दिया गया। बता दें कि साल 2017 में दिग्विजय सिंह गोवा कांग्रेस के प्रभारी थे। पूर्व गोवा सीएम फेलेरो ने कहा कि तब उनकी अगुवाई कांग्रेस के 17 विधायक जीते थे्, इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के समर्थन में था। कुल चार विधायकों के समर्थन से कांग्रेस के पास 21 विधायक थे, यानी बहुमत का आंकड़ा था।
फेलेरो ने आरोप लगाया कि प्रभारी ने उन्हें राज्यपाल के पास जाने से रोक दिया और 24 विधायकों के समर्थन तक इंतजार करने को कहा। इसके बाद बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा जुटा कर सरकार बना ली। सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में फेलेरो ने कहा कि इस घटनाक्रम से उन्हें ठगा सा महसूस हुआ और झटका लगा। फेलेरो ने कहा कि बीते साढ़े चार सालों में गोवा के अंदर कांग्रेस 18 विधायकों से सिमट कर महज 5 पर रह गई है। 13 विधायकों के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। फेलेरो ने कहा कि गोवा में वो कांग्रेस नहीं बची जिसके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी। इसलिए वो कांग्रेस से इस्तीफा दे रहे हैं। बता दें कि कांग्रेस छोड़ने के बाद फेलेरो के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की प्रबल संभावना है। सोमवार को विधायकी से इस्तीफा देने के पहले ही फेलेरो ने ममता बनर्जी को स्ट्रीट फाइटर बताया और यह भी कहा कि बीजेपी को ममता बनर्जी ही चुनौती दे सकती हैं। अगले साल होने वाले गोवा विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने भी मैदान में उतरने का ऐलान किया है।