Home मध्य प्रदेश संयुक्त किसान मोर्चा का बंद, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बोले-

संयुक्त किसान मोर्चा का बंद, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बोले-

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भोपाल । केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने सोमवार को एक दिवसीय भारत बंद बुलाया। भोपाल में भारत बंद पर किसान संगठनों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह करोंद मंडी के गेट पर धरना दिया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने किसानों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि कानून बनाने से पहले किसानों की राय नहीं ली। अंग्रेजी हुकूमत में भी गांधी जी जब आंदोलन कर रहे थे उसमें अदालत में जा सकते थे।


कृषि कानून में अदालत में जाने का अधिकारी छीन लिया गया। जब किसानों की फसल आती है ततब विदेशों में आयात शुरू कर देते है। यह तीन कानून सिर्फ किसानों के ही नहीं उपभोक्ताा विरोधी भी है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे कल ही बताया गया कि इसलिए यहां ज्यादा लोग एकत्रित नहीं हो पाए। उन्होंने किसान संगठनों को से कहा कि राजनीतिक दलों से परहेज न करें। किसान अपने आंदोलन में कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी को भी बुलाए।


कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
बता दें पूरे देश में 40 संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद बुलाया। बंद को कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां शामिल हो रही हैं। धरना स्थल पर कलेक्टर अविनाश लवानिया, डीआईजी इरशाद वली समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौजूद था। ड्रोन से निगरानी की जा रही थी। मध्य प्रदेश भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि हम शांति पूर्ण प्रदर्शन करके मंडी बंद कराने कराना चाहते थे,लेकिन जनता की आवाज दबाने वाले सरकार ने पुलिस को आगे कर दिया। उन्होंने कहा कि बंद को कांग्रेस समेत सभी पार्टियों का समर्थन मिला है। हम अपनी लड़ाई आगे जारी रखेंगे। जिला प्रशासन और पुलिस ने करोद मंडी के मुख्य द्वार को बैरिकेडिंग कर बंद कर दिया था। भारी संख्या में धरना स्थल पर पुलिस बल तैनात था। नेताओं के भाषण के बाद दिग्विजय सिंह ने किसान संगठन के पदाधिकारियों के साथ कलेक्टर अविनाश लवानिया को ज्ञापन देकर धरना खत्म कर दिया।


भोपाल में खुली दुकानें, असर नहीं
भोपाल में बंद का असर नहीं दिखाई दे रहा है। सुबह से ही दुकानें खुली हुई हैं। कोलार के बाजार खुले हैं तो पुराने शहर की दुकानें भी खुल गई है। बंद के आह्वान को लेकर किसी भी व्यापारिक संगठन ने समर्थन नहीं दिया है।

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