कोलकाता । तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद अर्पिता घोष ने इस्तीफा दे दिया है। अर्पिता घोष के इस्तीफे को राज्यसभा अध्यक्ष ने मंजूर भीकर लिया है। इस संबंध में बुधवार को राज्यसभा सचिवालय की तरफ से जानकारी दी गई है। अर्पिता घोष के इस्तीफे को लेकर जो नोटिफिकेशन राज्यसभा सचिवालय की तरफ से जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि टीएमसी सांसद के इस्तीफे को राज्यसभा अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने मंजूर भी कर लिया है। अर्पिता घोष ने अचानक यह इस्तीफा देकर अपने ही पार्टी के कई नेताओं को चौंका दिया है। अर्पिता घोष राज्यसभा में पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। आपको याद दिला दें कि अर्पिता घोष उन सांसदों में शामिल थीं जिनपर संसद में मॉनसून सत्र के दौरान हंगामा करने और मार्शलों से उलझने का आरोप लगा था। इस मामले में अर्पिता घोष को सस्पेंड भी किया गया था। पश्चिम बंगाल में उपचुनाव होने हैं। ऐसे में अर्पिता घोष के इस्तीफे को लेकर राजनीतिक विश्लेषक अपने-अपने तरीके से कयास लगा रहे हैं। थियेटर डायरेक्शन और अभिनय के क्षेत्र से जुड़ी रहीं अर्पिता घोष ने साल 2010 में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अर्पिता घोष को संगठन में जिम्मेदारी दी जाएगी। तृणमूल के सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में वह संगठनात्मक स्थिति में अहम भूमिका निभाते नजर आएंगी। बता दें कि पश्चिम बंगाल की भवानीपुर सीट पर उपचुनाव से पहले अर्पिता घोष का यह इस्तीफा हुआ है। भवानीपुर सीट से ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं और इस उपचुनाव में उनका जीतना बेहद जरुरी है, ताकि वो अपनी सीएम की कुर्सी बचा सकें।