नई दिल्ली। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में देश के अल्पसंख्यक 100 प्रतिशत सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि यह विमर्श फिजूल है कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा से संबंधित घटनाएं बढ़ी हैं।
पिछले सप्ताह आयोग के प्रमुख नियुक्त किए गए पूर्व आईपीएस अधिकारी लालपुरा ने कहा इस ‘गलत विमर्श’ को खत्म करने का प्रयास उनकी प्राथमिकता होगी कि अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा का माहौल है। उन्होंने साक्षात्कार में कहा हम उस समय अलीगढ़ में दंगों के बारे में सुनते थे जब भाजपा सरकार नहीं थी। हम दूसरी जगहों पर भी दंगों के बारे में सुना करते थे जहां भाजपा की सरकारें नहीं थीं।
उन्होंने कहा कि मैं संवैधानिक पद पर बैठा हूं और जब हम आंकड़ों को देखते हैं तो पता चलता है कि दंगे, हत्या और माब लिंचिंग (पीट-पीटकर मार डालने) की घटनाओं में कमी आई है। लालपुरा के मुताबिक, घटनाएं हुई हैं और हो रही हैं, इसीलिए इस आयोग की जरूरत है। यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अल्पसंख्यक पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, अल्पसंख्यक 100 प्रतिशत सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा यह विमर्श गलत है कि मौजूदा सरकार में लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं। लालपुरा ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की पिटाई की कुछ घटनाओं को लेकर विपक्ष ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों में ऐसी घटनाएं बढ़ गई हैं। लालपुरा ने कहा आयोग के अध्यक्ष के तौर पर मेरी जिम्मेदारी है कि अल्पसंख्यकों के हितों का ध्यान रखा जाए और कोई अन्याय नहीं हो। साथ ही, मुझे यह भी देखना होगा कि लोगों के बीच गलत विमर्श न पैदा हो। हम सभी भारतीय हैं और हमको मिलकर देश का विकास, लोगों की सुरक्षा और सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करना है।