भोपाल । अब तक देश को सैकड़ों पायलेट दे चुके इंदौर स्थित एमपी फ्लाइंग क्लब के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बने रहने पर संशय पैदा हो गया है। दरअसल, एयरपोर्ट अथारटी आफ इंडिया(एएआइ) से अब क्लब को किराये में सब्सिडी मिलती है। एयरपोर्ट निजी हाथों में जाने पर नया खरीदार यह सुविधा देगा या नहीं अभी तय नहीं है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो एमपी फ्लाइंग क्लब को प्रदेश के किसी एएआइ के स्वामत्वि वाले एयरपोर्ट पर जाना होगा।
हालांकि फ्लाइंग क्लब की तरफ से नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिख कर इस संबंध में जानकारी दी गई है। वहीं उनसे टेंडर शर्त में देशभर के एयरपोर्ट पर मौजूद विभिन्ना फ्लाइंग क्लब के लिए सब्सिडी वाली दरें ही जारी रखने के लिए कहा गया है। अभी फ्लाइंग क्लब में हर साल 15 पायलेट तैयार होते हैं। यहां के चीफ इंस्ट्रक्टर मंदार महाजन ने बताया कि हमें एएआइ से विशेष रियायत प्राप्त है। जिसमें हमें निर्धारित किराये या शुल्क का केवल 10 प्रतिशत ही चुकाना होता है। एयरपोर्ट के निजीकरण होने के बाद नया खरीदार क्या नियम लागू करता है, हमारा इंदौर में बना रहना इस पर निर्भर करेगा। अगर ज्यादा शुल्क वसूला गया तो हम यहां से चले जाएंगे। उन्होंने बताया कि हमने केंद्रीय मंत्री सिंधिया को पत्र लिख देशभर के एयरपोर्ट में चल रहे फ्लाइंग क्लबों को यह सुविधा निजीकरण के बाद भी देने के लिए कहा है। इसके लिए एएआइ को केवल टेंडर शर्तों में इसे शामिल करना है।
200 घंटे विमान चलाने का देते हैं प्रशिक्षण
महाजन के अनुसार इंदौर में ही पायलट के लिए सबसे अधिक ट्रेनिंग होती है। जिसमें ट्रेनिंग के दौरान प्रशिक्षु पायलट को करीब 200 घंटे की उड़ान का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें से भी 10 घंटे नाइट फ्लाइंग के होते हैं। पायलट बनने के लिए छात्र को एक्जाम पास करनी होती है। इसमें छह पेपर थ्योरी के होते हैं। सभी पेपर क्लीयर करने और प्रैक्टिस के बाद पायलट तैयार हो जाता है।
फैक्ट फाइल
15 पायलट तैयार होते हैं इंदौर से हर साल
9 अक्टूबर 1951 को हुई थी एमपी फ्लाइंग क्लब की स्थापना
1982 तक प्रदेश सरकार के विमानों का आपरेशन और मेंटेनेंस किया
1962 और 1971 के युद्ध के समय एयरफोर्स का सहयोग किया
1958 से प्रशिक्षु पायलट को ट्रेनिंग देनी शुरू की