भोपाल । राजधानी में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के दूसर दिन गांधी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने भी सख्ती शुरू कर दी है। गुरुवार को कॉलेज प्रबंधन ने जीएमसी के 12 पदाधिकारियों को हॉस्टल खाली करने का नोटिस भेज दिया है। साथ ही जूनियर डॉक्टरों को गुरुवार रात तक हड़ताल वापस नहीं लेने पर एस्मा के तहत एफआईआर की चेतावनी दी है। जीएमसी के डीन डॉक्टर जितेन शुक्ला ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से अस्पताल में कोई सेवाएं प्रभावित नहीं हुई है।
सीनियर रेजिडेंट और वरिष्ठ चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा 100 से ज्यादा डॉक्टरों को आसपास के जिलों, मेडिकल कॉलेज से बुलाया जा रहा है। इसमें 40 ने ज्वाइन भी कर लिया है। उन्होंने कहा कि हमने जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के 12 पदाधिकारियों को हॉस्टल खाली करने का नोटिस दे दिया है। इसके अलावा जूडा को गुरुवार रात तक हड़ताल खत्म करने के लिए कहा गया है। ऐसा नहीं होने पर एस्मा के तहत जूडा के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी। सभी हड़ताली पीजी छात्रों के एडमिशन और रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने की कार्रवाई करने के लिए अनुशासन समिति को अनुशंसा की जाएगी।
वार्डों में मरीज हो रहे परेशान
जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से सीनियर रेजिडेंट और दूसरे डॉक्टरों की वार्ड में ड्यूटी लगाई गई है। हमदिया अस्पताल के सर्जिकल वार्ड-2 में पहले जूनियर डॉक्टरों के सवाएं देने पर 5 से 6 डॉक्टर एक साथ रहते थे। अब सिर्फ दो डॉक्टरों के भरोसे पूरा वार्ड है। ऐसे में डॉक्टर सभी मरीजों को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं। यहीं हालात दूसरे वार्डों में भी है।
120 जूनियर डाक्टर्स दे रहे हैं सेवाएं
कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि हड़ताल में सभी पीजी छात्र शामिल नहीं हैं और अब भी 120 छात्र हमीदिया अस्पताल में पहले की तरह सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि यह हड़ताल एक गुट द्वारा एस्मा लागू होने के बाद की जा रही है जो पूर्णत: अवैद्यानिक है।