नई दिल्ली । 20 साल बाद अफगानिस्तान की सत्ता में वापस आते ही तालिबान की तानाशाही शुरू हो गई है। सरकार गठन के बाद अब तालिबान अफगान के लोगों पर पाबंदियां लगाना शुरू कर चुका है। तालिबान अफगानिस्तान में अब विरोध-प्रदर्शनों पर पाबंदी लगाने को तानाशाही पर उतर आया है। अब किसी भी प्रदर्शन से पहले वहां तालिबानी सरकार से इजाजत लेनी होगी और प्रदर्शन से जुड़े डिटेल भी मंत्रालय से साझा करने होंगे। इतना ही नहीं, तालिबान राज में अब विरोध प्रदर्शन करने के लिए उसका विवरण आयोजन के 24 घंटे पहले सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा करना होगा। दरअसल, तालिबान सरकार ने बुधवार को अफगानिस्तान में विरोध प्रदर्शन को प्रतिबंधित करने के लिए कई ‘शर्तें’ पेश कीं। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने विरोध प्रदर्शनों को लेकर नए नियम बनाए हैं, जिसके तहत किसी भी विरोध प्रदर्शन की जानकारी सरकार को 24 घंटे पहले देनी होगी। अफगान की तालिबान सरकार ने यह फैसला तब लिया है, जब उसने कुछ दिन पहले कहा था कि वह अपने शासन के खिलाफ किसी भी प्रतिरोध को बर्दाश्त नहीं करेगा। नए नियम के मुताबिक, तालिबान ने कहा है कि किसी भी विरोध प्रदर्शन को आयोजित करने के लिए पहले न्याय मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी। इतना ही नहीं, विरोध प्रदर्शन के उद्देश्य, उसमें लगने वाले नारे, स्थान, समय और प्रदर्शन से जुड़ी सभी जानकारी सरकारी अधिकारियों के साथ साझा करना होगा। यह जानकारी स्थानीय पजवोक न्यूज ने दी है। बता दें कि तालिबान सरकार के खिलाफ बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर अफगानिस्तान की नई हुकूमत ने यह फैसला लिया है। दरअसलस, अफगानिस्तान में निर्वाचित गनी सरकार के पतन में पाकिस्तान की कथित भूमिका के विरोध में सैकड़ों अफगानी मंगलवार को सड़कों पर उतर आए। पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के खिलाफ नारेबाजी की गई। अफगान में हो रहे इन विरोध प्रदर्शनों को लेकर तालिबान ने दावा किया है कि अफगानिस्तान में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के लिए विदेशों से पैसा मिल रहा है। तालिबान के निमंत्रण पर पाकिस्तान की खुफिया प्रमुख फैज हमीद के काबुल दौरे के पहुंचने के बाद मंगलवार को राजधानी में अफगानी निगरिकों ने विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन करने वालों में अधिकतर महिलाएं थीं। ऐसी रिपोर्ट है कि तालिबान ने रैली को तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलाईं और प्रदर्शनकारियों को लाठियों से पीटा गया। उसी दिन परवान प्रांत में और साथ ही देश के पश्चिम में भी पाकिस्तान के विरोध में प्रांत की राजधानी हेरात में प्रदर्शन हुआ।