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खगोलविदों ने खोजा नया ग्रह, जहां लहराता है हाइड्रोजन का सागर, हो सकता है एलियन का अस्तित्व

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लंदन । अंतरिक्ष विज्ञानियों ने ब्रह्मांड में कुछ ऐसे ग्रह खोजे हैं जिनपर हाइड्रोजन का सागर है। उन्हें उम्मीद है कि इन ग्रहों पर एलियन रहते होंगे। जैसे हमारी धरती पर सागर को ओसीन कहते हैं, वैसे ही हाइड्रोजन के सागर को हाइसियन कहा जा रहा है। ये हाइड्रोजन और ओशन शब्द को मिलाकर बनाया गया है। इन ग्रहों पर गर्म पानी की दुनिया है। साथ ही इसके वायुमंडल में हाइड्रोजन की मात्रा बहुत ज्यादा है. प्राचीन ग्रीस में मान्यता थी कि ओशिएनस एक बहुत विशालकाय नदी थी, जो पूरी धरती पर फैली थी। जिसे यूरेनस और गाइया का बेटा कहा जाता था। ग्रीक भाषा में हाइड्रोजन का अर्थ होता है पानी पैदा करने वाला। वैसे भी हाइड्रोजन जब ऑक्सीजन से मिलता है तो वह पानी बनाता है। यानी जीवन की शुरुआत यहीं से होती है। लेकिन हमें हाइड्रोजन का असली रूप कहां से मिलता है। ये जीवाश्म ईंधन के जलने से निकलता है।
जीवाश्म ईंधन के जलने से कार्बन-डाईऑक्साइड निकलता है। लेकिन इसी प्रक्रिया में एक चीज और निकलती है, जिसे ब्लू हाइड्रोजन कहते हैं। हालांकि, हाइड्रोजन रंगहीन होता है। ब्लू हाइड्रोजन कार्बन-डाईऑक्साइड को कुछ मात्रा में पकड़ता है लेकिन ग्रीन हाइड्रोजन रीन्यूएबल ऊर्जा से बनता है। वैज्ञानिकों को डर है कि एक-दो सदी में धरती पर भी समुद्र का जलस्तर इतना बढ़ जाएगा कि इसे भी हाइसियन कहा जा सकेगा। फिर एलियंस यहां पर अध्ययन करने आएंगे। यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के वैज्ञानिकों ने हाइसियन ग्रहों की नई श्रेणी बनाई है। जिसपर एलियंस के रहने की पूरी संभावना जताई जा रही है। इसके बारे में रिसर्च रिपोर्ट हाल ही में द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुई है।
कैंब्रिज इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोनॉमी के शोधकर्ता निक्कू मधुसूदन ने कहा कि हाइसियन ग्रह जीवन की खोज के बिल्कुल नए आयाम हैं। हमें इन पर और रिसर्च करने की जरूरत है। निक्कू मधुसूदन ने बताया कि अब तक जितने भी हाइसियन ग्रह खोजे गए हैं, वे धरती से कई गुना बड़े और गर्म हैं। इन पर काफी बड़े हाइड्रोजन के महासागर हो सकते हैं। जिनमें माइक्रोबियल जीवन यानी सूक्ष्मजीवों की दुनिया होने की संभावना है। हम लगातार इन ग्रहों पर सूक्ष्मजीवों की खोज में लगे हैं। हम ऐसे हाइसियन ग्रहों की खोज में लगे हैं जो धरती से मिलते-जुलते हों। हमें इन ग्रहों पर नए तरीके के बायोसिग्नेचर यानी जीवों के होने के संकेत मिल सकते हैं।
इस स्टडी की सह-लेखिका अंजली पीटे ने कहा कि हम इस बात से हैरान हैं कि धरती से एकदम अलग तरह के हाइसियन ग्रहों पर एलियन जीवन होने की संभावना हो सकती है। हमारे सौर मंडल में इस आकार और व्यवहार के ग्रह हैं ही नहीं। ये ग्रह धरती से लेकर नेपच्यून तक के आकार के हो सकते हैं। कुछ तो बृहस्पति ग्रह से भी बड़े हो सकते हैं। इन पर बर्फीले पत्थर, बड़े महासागर और हाइड्रोजन का वायुमंडल प्रचुर मात्रा में हो सकता है। कम से कम स्टडी के दौरान खोजे गए ग्रहों के अध्ययन से तो यही प्रतीत होता है।

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