भोपाल । उप चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा सरकार के लिए अब सरकारी कर्मचारी ही परेशानी खड़ी कर सकते हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि लंबित मांगों का निराकरण न होने के कारण कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ी है। ऐसे में कर्मचारी संगठन लामबंद होने लगे हैं। आंदोलन की तैयारी हो रही है।
उप चुनाव के पहले सरकार हर वर्ग की नाराजगी दूर करने के प्रयास में है। इसमें कर्मचारी वर्ग भी शामिल हैं, लेकिन कर्मचारी अब आश्वासन से मांनने को तैयार नहीं हैं। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह का कहना है कि मोर्चा द्वारा 16 प्रतिशत महंगाई भत्ता, वेतन वृद्धि एवं पदोन्नति आदि को लेकर सामूहिक अवकाश लेकर आन्दोलन किया गया। जिसमे वेतन वृद्धि का आदेश तो सरकार ने जारी कर दिया लेकिन एरियर्ष नहीं दिया गया। वहीं पदोन्नति एवं महंगाई भत्ता जैसे गंभीर विषयों पर भी सरकार मौन है। इससे लगता है कि सरकार प्रदेश के अधिकारियो एवं कर्मचारियो के मांगो के प्रति गंभीर नहीं है। यदि ऐसी ही स्थिति रही तो आंदोलन किया जाएगा। इस संबंध में 8 सितम्बर को बैठक बुलाई गई। जिस पर अंतिम निर्णय होगा।
चार साल से रुके हैं प्रमोशन
प्रमोशन में आरक्षण का मामला कोर्ट में होने के कारण चार साल से राज्य कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रमोशन के अभाव में न तो कर्मचारियों का ओहदा बढ़ रहा है और न ही आर्थिक लाभ हो रहा है। कर्मचारी चाहते हैं कि सरकार इस मामलें में जल्द से जल्द कोई निर्णय ले। जिससे प्रमोशन का लाभ मिल सके।