भोपाल । प्रदेश में जनसुनवाई कार्यक्रम बंद होने से लोगों को बडी परेशानी का सामना करना पड रहा है। लोग अपने काम करवाने के लिए यहां-वहां भटक रहे हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है। कोरोना लॉकडाउन के कारण चार महीने पहले जनसुनवाई बंद हो गई जो अनलॉक होने के बावजूद भी बंद ही है। जिला स्तर पर हर मंगलवार को होने वाली कलेक्टर जनसुनवाई को 22 मार्च को कोरोना संक्रमण के चलते एक आदेश जारी कर बंद कर दिया गया था। लोग अपनी समस्या को लेकर दर-दर भटकने को मजबूर है। इतना ही नहीं अपनी समस्या को बताने के लिए घंटे अफसरों के कैबिन के बाहर इंतजार कर रहे हैं लेकिन इनकी सुनवाई करने के लिए कोई तैयार नहीं है। इधर, राजधानी में लोगों की सुनवाई के लिए कोई व्यवस्था भी नहीं बनाई गई है, कि सुरक्षित शारीरिक दूरी का उपयोग करते हुए लोग अपने आवेदन दे सके। इतना ही नहीं अपनी समस्या को बताने के लिए घंटे अफसरों के कैबिन के बाहर इंतजार कर रहे हैं लेकिन इनकी सुनवाई करने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। इधर, राजधानी में लोगों की सुनवाई के लिए कोई व्यवस्था भी नहीं बनाई गई है, कि सुरक्षित शारीरिक दूरी का उपयोग करते हुए लोग अपने आवेदन दे सके। ना ही कोई बॉक्स जनसुनवाई के आवेदनों के लिए रखवाया गया है। जबकि अन्य जिलों में बकायदा अधिकारी जनसुनवाई ले रहे है। कुछ जिलों में तो व्यवस्था भी बनाई गई है। जैसे कहीं शिकायती आवेदनों के लिए एक बॉक्स रखा गया है जिसमें लोग अपनी समस्यां लिखकर नाम और मोबाइल नंबर सहित इस बॉक्स में डाल देते है। इसके बाद इसे संबंधित विभाग को भेज दिया जाता है। आमजनों का कहना है कि राज्य सरकार को जनसुनवाई तत्काल प्रारंभ करना चाहिए ताकि लोगों की समस्या सुनी जा सकें और उनका निराकरण हो सके।