भोपाल । प्रदेश के संजीवनी क्लीनिकों पर डॉक्टरों की लेटलतीफी अब नहीं चल पाएगी। राज्य सरकार ने डॉक्टरों पर नजर रखने के पुख्ता प्रबंध कर दिए हैं। अब डाक्टरों की आवाजाही के समय पर साफ्टवेयर के जरिए नजर रखी जाएगी। वह अपने टैबलेट पर कितने बजे लॉगिन करते हैं और कब लॉग आउट करते हैं, इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अफसर देख सकेंगे। यह व्यवस्था इसी हफ्ते से शुरू कर दी गई है। साफ्टवेयर में यह भी प्रविधान किया गया है कि डाक्टर के आने पर ही वह लॉगिन कर पाएंगे, न कि कोई और कर्मचारी। इसके लिए यह व्यवस्था की गई है कि डॉक्टर अपने फेस स्कैनिंग के जरिए लॉगिन हो पाएंगे। मालूम हो कि भोपाल में कुल 28 क्लीनिक खोलने का लक्ष्य था, इनमें अभी तक 24 क्लीनिक खोले गए हैं। यह क्लीनिक बस्तियों में खोले जाते हैं। प्रदेश में अब तक 89 क्लीनिक खोले जा चुके हैं। यहां काम करने वाले डॉक्टरों को 25 हजार रुपये मसिक वेतन देने के बाद 25 से ऊपर जितने भी अतिरिक्त मरीज देखने पर प्रति मरीज 40 रुपये दिए जाते हैं। बता दें कि दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर भोपाल में तीन साल से संजीवनी क्लीनिक चल रहे हैं। यहां डॉक्टर, फार्मासिस्ट और पंजीयन करने वाले कर्मचारी को मरीज की जानकारी दर्ज करने के लिए टैबलेट दिए गए हैं। डॉक्टर द्वारा अपने टैबलेट पर लिखी गई दवाएं फार्मासिस्ट के पास पहुंच जाती हैं और वह दवाएं देता हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को सूचना मिल रही थी कि कुछ क्लीनिक में डाक्टर समय पर नहीं आ रहे हैं। इस कारण अब टैबलेट में लॉगिन और लागआउट समय के आधार पर डॉक्टरों के आने-जाने के समय की निगरनी की जाएगी।