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विज्ञान महोत्सव का मेपकॉस्ट से शुभारंभ

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HYDERABAD, SEP 2 (UNI) Hyderabad City Police Commissioner Anjani Kumar, Launch COVID-19 Free Vaccination drive at MaxiVision Eye Hospital in Hyderabad on Thursday.UNI PHOTO-RAO7U

भोपाल। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत के स्टेट साइंस एंड टेक्नोलॉजी कार्यक्रम का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् भोपाल में गुरुवार को वर्चुअल शुभारंभ करते हुए केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमारे यहाँ प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन उन तक पहुँचना चुनौती है। युवा वैज्ञानिकों की प्रतिभा का उपयोग आत्म-निर्भर और भावी भारत के निर्माण में करना चाहिये। इसी
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार अधोसंरचना, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, रोजगार और ऊर्जा पर गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि विज्ञान उत्सव का आयोजन एक वर्ष तक सीमित न रहकर सतत चलना चाहिये। विज्ञान उत्सव को आम आदमी और सरकारों के बीच कड़ी की भूमिका निभाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के युवा वैज्ञानिकों की एक सूची तैयार करना चाहिये, जिसका उपयोग उनसे सहयोग लेने में किया जा सकेगा। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्राकृतिक रूप से विज्ञान में रूझान रहा है। वे चाहते हैं कि विज्ञान का लाभ विभिन्न क्षेत्रों को मिलना चाहिये। उन्होंने ने कहा कि भविष्य हाइड्रोजन आधारित अर्थ-व्यवस्था का है। इसके लिए हाइड्रोजन मिशन शुरू किया गया है।
विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी एवं एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जोड़ने के लिए सीएसआईआर की 37 प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रयोग और विज्ञान का समावेश किया है। श्री सखलेचा ने कहा कि सरकार ने जिलेवार उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य उद्योगों और स्व-रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है।
वर्ष भर चलने वाले विज्ञानोत्सव में विचार मंथन के लिए 12 विषयों का चयन किया गया है। इस महीने का विचार मंथन का विषय‘ “एसटीआई इको सिस्टम फॉर आत्मनिर्भर भारत” चुना गया है। इसमें 20 राज्यों की विज्ञान परिषदे भाग ले रही हैं।
भारत सरकार की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने कहा कि राज्यों की विज्ञान परिषदों का दायित्व है कि विज्ञान की उपलब्धियाँ और कार्यक्रमों का लाभ विविध सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश वाले लोगों तक पहुँचे। एडवाइजर डॉ. देवप्रिय दत्ता ने ‘एसटीआई इको सिस्टम फॉर आत्म-निर्भर भारत’ विषय पर उद्बोधन दिया।
परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने ‘एसटीआई स्ट्रेंथ ऑफ मध्यप्रदेश काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलाजी’ विषय पर परिषद आजादी के अमृत महोत्सव के तहत पूरे प्रदेश में वर्ष भर 200 कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। परिषद के कार्यकारी निदेशक तस्नीम हबीब ने ‘मध्यप्रदेश में वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी संस्थान’ विषय पर प्रेजेंटेशन दिया।

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