कोरबा में अनुविभाग को जिले का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता व खाद्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष ज्योतिनंद दुबे अन्य पदाधिकारियों के साथ छिर्रा के व्यवहार न्यायालय स्थित अधिवक्ताओं के धरना स्थल पहुंचे और कटघोरा को जिला बनाये जाने की मांग का समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि सभी लोगों की मांग है कि आगामी गणतंत्र दिवस तक कटघोरा को जिला बनाए जाने का एलान किया जाए, लेकिन मेरी मंशा है कि छत्तीसगढ़ गठन दिवस यानी एक नवंबर को ही सरकार यह घोषणा करें।
दुबे ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में उनकी कोशिश जब अंतिम दौर पर थी इसी दौरान दुर्भाग्य से नेतृत्व परिवर्तन हो गया और कटघोरा को जिले का दर्जा नही मिल पाया। अब जब पार्षद से लेकर विधायक और सांसद भी कांग्रेस के हैं लिहाजा इस मांग को पूरा होने में ज्यादा समय नही लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय विधायक ने भी विजयी होने पर इस मांग को पूरा करने की बात कही थी इसलिए कटघोरा को जिले का दर्जा देकर क्षेत्रवासियों के भावनाओं का सम्मान हो। उन्होंने कहा कि कटघोरा ऐतिहासिक तहसील है लेकिन यहां के लोगो को अपने हर कार्य के लिए कोरबा जिले की दौड़ लगानी पड़ती है। कटघोरा का भौगोलिक विस्तार इतना अधिक है कि जिला मुख्यालय से यह दूरी सौ किलोमीटर से भी ज्यादा है। ऐसे में ग्रामीणजनों को होने वाली समस्याओं को समझा जा सकता है। जनमानस के इन्ही परेशानियों को महसूस करते हुए सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत, विधायक पुरूषोत्तम कंवर व विधायक मोहितराम केरकेट्टा तत्काल इस ओर पहल करें। धरना स्थल में अपना समर्थन देने वालो में भाजपा मंडल अध्यक्ष धन्ना प्रसाद दुबे, किसान मोर्चा के मंडल प्रमुख अशोक तिवारी, अजीत कैवर्त, सुजीत सिंह, नवीन गोयल के अलावा अन्य भाजपा के पदाधिकारी व बड़ी संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित रहे।