भोपाल।
जिला उधोग व्यापार केंद्र द्वारा 2 साल से शिक्षित बेरोजगारों को मुख्यमंत्री सम्बन्धित स्वरोजगार योजना से सम्बंधित कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। सही जानकारी देने की बजाय उन्हें गुमराह किया जा रहा है। कोरोना संकट के चलते कई बेरोजगर युवा जिला उधोग कार्यालय के चक्कर लगा रहे है मगर उन्हें सही मार्गदर्शन या जानकारी देने की बजाय महाप्रबन्धक द्वारा अपमानित किया जा रहा है ।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओ को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री उद्दमी योजना, मुख्यमंत्री कल्याण योजना, , मुख्यमंत्री कृषक योजना शुरू की थी इन योजनाओं के तहत 50 हजार से लेकर 1 करोड़ रुपये तक के ऋण जिला उधोग व्यापार केंद्र के माध्यम से बैंकों के जरिये दिए जाते थे। इन योजनाओं के तहत मुख्यमंत्री सम्बन्धित स्वरोजगार योजनाओं का हर जिले का कोटा तय होता था यानी किस योजना के अंतर्गत कितने युवाओ को लोन दिया जाना है । योजना के तहत सब्सिडी भी सरकार द्वारा निर्धारित की जाती रही है। साल 2020 से 2021 तक यानी 2 सालों से इन योजनाओं का किसी भी युवा को न कोई लाभ नही मिल पा रहा है न ही अधिकारी या कर्मचारी युवाओं को सही जानकारी दे रहे है। इस साल नए वित्तीय वर्ष में जो भी बेरोजगार युवा जिला उधोग व्यापार केंद्र जा रहे है उनसे यही कहा जा रहा जो योजनाओं का जो कोटा 1 अप्रैल को आता था वह अभी तक नही आया है। सरकार के पास बजट ही नही है पहले जिन को लोन दिए है सरकार बैंकों को उसका ही भुगतान नही कर पा रही है इतना ही इसके लिए भोपाल के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते आ रहे है। इस मामले में जब भी बेरोजगार युवा जिला उधोग व्यापार केंद्र के महाप्रबन्धक से मिलने जाते है तो वे मिलने की बजाय उन्हें अपमानित कर के भगा देते है।