जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बाकारूमा प्राचार्य जितेन्द्र कुमार प्रसाद निलंबित कर दिया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग छ.ग. शासन द्वारा 18 अगस्त 2021 को जारी आदेश छ.ग. सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 (1) क, के तह्त तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इस दौरान उनका मुख्यालय जिला शिक्षा कार्यालय रायगढ़ होगा। उक्त आदेश में शाला विकास समिति की बैठक नहीं लिए जाने व सत्र-2018-19 एवं 2019-20 में छात्रा-छात्राओं से राशि 218160 रूपये अधिक वसूली किये जाने अनियमितता की पुष्टि होना बताया गया है। जिसके लिए प्राचार्य को 3 मार्च 2021 को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था। जिसका प्राचार्य द्वारा जवाब भी प्रस्तुत किया गया।
ये कैसा कार्यवाही जांच में कुछ, निलंबन आदेश में कुछ और
शिकायत की जांच जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ द्वारा कराई गई जिला शिक्षाधिकारी के प्रतिवेदन अनुसार सत्र-2019-20 में शाला विकास निधि शुल्क 91950 रूपये बैक में जमा न कर नगद व्यय करना एवं सत्र-2018-19 व सत्र-2019-20 में प्रस्तुत शुल्क विवरण तथा छात्रों से प्राप्त राशि में 21816 रूपये अधिक लेना पाया गया जिसके लिए 7 दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया था। जिसमें प्रतिवाद संतोषप्रद नहीं होने से शासन के नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। लेकिन मजेदार बात यह है कि शिक्षा विभाग द्वारा जारी निलंबन आदेश में 218160 रूपये का अनियमितता बताया गया है। इससे यह प्रतीत होता है कि कही न कही कार्यवाही दोषपूर्ण भावना से की गई है।
शाला विकास समिति के अध्यक्ष ने अनियमितता नहीं होने शिक्षा विभाग को लिखा पत्र
प्रचार्य द्वारा सत्र-2019-20 में शाला विकास निधि शुल्क 91950 रूपये को बैक में जमा न कर नगद व्यय करना पाया गया है। जिस पर शाला प्रबंध समिति अध्यक्ष उग्रनारायण राठिया एवं सदस्यों ने संचालक लोक शिक्षा संचनालय रायपुर को पत्र लिखकर कहा है। कि विद्यालय में संचालित आईटी एवं हेल्थकेयर भवन बहुत जीर्ण-शीर्ण हो गया था जिसके लिए समिति द्वारा नगद रूपये से तत्काल मरम्मत कराने का निर्णय लिया गया ताकि इस महत्वकांक्षाी योजना का सामाग्री खराब न हो और विद्यार्थी योजना का लाभ ले सके। प्राचार्य द्वारा मरम्मत कराने के पश्चात समिति को आय-व्यय की जानकारी देकर बचत राशि को बैंक में जमा कराया गया जांच समिति द्वारा स्कूल समिति के बिना अभिमत लिए जो अनियमितता का आरोप लगाया गया है। वह निराधार है।
दोनों पक्ष की उपस्थिति में जांच करने का हुआ था आदेश, लेकिन हुआ कुछ और
जिला शिक्षाधिकारी रायगढ़ द्वारा एसआर सिदार बीईओ धरमजयगढ़, एनएस एक्का प्राचार्य शा.बालक उच्चतर मा. वि. धरमजयगढ़, व्हीके सिंह प्राचार्य कन्या उच्चतर मा. वि. धरमजयगढ़ की टीम को दोनों पक्ष के समक्ष जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने आदेश जारी किया गया था। जब टीम जांच के लिए बाकारूमा गई तब एक पक्ष प्राचार्य जितेन्द्र प्रसाद उपस्थित रहे। दूसरा पक्ष उपस्थित नहीं हुआ। क्योंकि शिकायत पत्र अनाम है शिकायत पत्र में किसी व्यक्ति का नाम व हस्ताक्षर नहीं है। तब वह जांच टीम बिना जांच के वापस लौट गई। पुन: जिला शिक्षाअधिकारी द्वारा घरघोड़ा विकासखण्ड से तीन लोगों की टीम बनाकर जांच के लिए भेजा गया। जांच के दौरान एक पक्ष प्राचार्य जितेन्द्र प्रसाद उपस्थित होकर दूसरा पक्ष के बारे में पूछा तो जांच टीम बताने में असमर्थ हो गया। बता दें कि शिकायतकत्र्ता कोई नहीं हैं। शिकायत पत्र में समस्त ग्रामवासी बाकारूमा चरखापारा लिखा हुआ है। शिकायत में प्राचार्य जितेन्द्र प्रसाद को किसी एक पार्टी का समर्थन करने व कांग्रेस पार्टी की अवहेलना एवं दुष्प्रचार किया जाना लिखा गया है। जिससे अनुमान लगाया जा सकता है यह शिकायत किसी कांग्रेसी कार्यकर्ता द्वारा किया गया होगा।