भोपाल । भाजपा में ज्योतिरादित्य सिंधिया के दिन पर दिन बढ़ते दबदबे से मूल भाजपाई आहत हैं। सत्ता और संगठन में सिंधिया समर्थकों को जिस तरह तबज्जो दी गई है, उससे मूल भाजपाईयों को डर है कि निगम-मंडलों में भी उन्हें दरकिनार न कर दिया जाए। दरअसल, सत्ता और संगठन पर दबाव है कि सिंधिया समर्थक नेताओं को निगम-मंडलों में अधिक से अधिक कुर्सी दी जाए।
राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बढ़ते दबदबे से भाजपा के कई कद्दावर नेताओं की जमीन खिसकती नजर आ रही है। वहीं सिंधिया के बढ़ते कद के चलते ही मप्र में भाजपा संगठन और सरकार में उनके समर्थकों को तबज्जो मिलने लगी है। मप्र में पहले कार्यसमिति फिर मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों में सिंधिया की एकतरफा चली। वहीं जिला टीम, मोर्चा-प्रकोष्ठ टीम सहित विभिन्न समितियों के गठन में भी कांग्रेस से आए सिंधिया समर्थकों को महत्व दिया जा रहा है।
यूं दिखा सिंधिया का दबदबा
बात सत्ता की हो तो मप्र सरकार के मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थक मंत्रियों को बेहतर विभाग दिए गए हैं। वही बात संगठन की करें तो 402 की कार्यसमिति में 68 सदस्य सिंधिया के शामिल किए गए है। ग्वालियर अंचल के 8 में से 6 जिलों का प्रभार सिंधिया समर्थक मंत्रियों को दिया गया है। वही सिंधिया दिल्ली से राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल हुए।
निगम-मंडल में भी सर्मथकों को दिखेगा दबदबा
मप्र में चल रही निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्ति की अटकों के बीच प्रदेश में सियासी पारा गर्म है। राज्यसभा सांसद के लगातार मप्र के दौरे पर हैं। सिंधिया के तूफानी दौरों के कई मायने निकाले जा रहे हैं। वही कांग्रेस का कहना है की भाजपा की सरकार सिंधिया की बैसाखी पर टिकी है इसलिए कठपुतली की तरह काम कर रही है, तो वहीं भाजपा अपने बचाव में इसे सीएम का अधिकार क्षेत्र बता रही है।
अब केंद्र में भी दिखेगा सिंधिया का दबदबा
मप्र में पिछले साल मार्च में कमलनाथ सरकार के तख्तापलट में अहम भूमिका निभाने वाले राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा जल्द ही बड़ा तोहफा देने जा रही है। उन्हें मोदी सरकार में मंत्री पद दिया जाना लगभग तय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें रेलवे की कमान दे सकते हैं।
यह संदेश भी देंगे मोदी
सिंधिया को केंद्र में लाकर नरेंद्र मोदी यह क्लियर मैसेज देंगे कि मप्र तो शिवराज सिंह चौहान ही संभालेंगे। सिंधिया राजपरिवार से ताल्लुक रखते हैं, फिलहाल वो राज्य सभा से भाजपा के सांसद हैं। लोकसभा में वह गुना का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। मप्र में कांग्रेस की सरकार गिराने और भाजपा की सरकार बनाने में ज्योतिरादित्य सिंधिया का रोल सबसे बड़ा था। सवा साल से सिंधिया कैबिनेट विस्तार का इंतजार कर रहे हैं। अब ईनाम मिलने का वक्त करीब आ रहा है।
मनमोहन सरकार में बनी थी एक्टिव मंत्री की छवि
जानकारों का मानना है कि मोदी ज्योतिरादित्य को कैबिनेट मंत्री बनाएंगे। इसकी वजह यह है कि मनमोहन सरकार में भी उन्होंने अपने कामों के चलते एक एक्टिव मंत्री की छवि बनाई थी। मनमोहन सिंह सरकार में सिंिधया ऊर्जा राज्यमंत्री थे। इस बार वे टीम मोदी में शामिल होते हैं, तो फिर वे अपना काम दिखा पाएंगे। उनकी क्षमताओं का लाभ उन्हें प्रस्तावित फेरबदल में मिलने की पूरी संभावना है।