भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर 55 गोदामों का लोकार्पण और 114 गोदाम बनाने का शिलान्यास किया। इसके बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम शिवराज ने सहकारी समितियों के सदस्यों और किसानों से संवाद भी किया। चौहान ने कहा कि कोरोना ने वैसे भी लोगों के कामधंधे, रोजी-रोटी को बहुत क्षति पहुंचाई है। अर्थ-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। सरकार के खजाने खाली है, टैक्स नहीं आया। लोगों को बहुत नुकसान हुआ। इसे सहकारिता आंदोलन पुनर्जीवित कर सकता है। इसलिए नई ताकत और ऊर्जा के साथ काम करेंगे। विचार कीजिए और क्रियान्वित कीजिए। रोडमैप बनाकर लक्ष्य को प्राप्त करे।
राजधानी भोपाल के अपेक्स बैंक स्थित समन्वय भवन में शनिवार को यह आयोजन हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक और एक मिलकर ग्यारह हो जाते हैं, तो लक्ष्यों की प्राप्ति सुगम हो जाती है, यही सहकारिता की सुंदरता है और शक्ति भी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसके भीतर सहकारिता का भाव न हो, वो इंसान नहीं हो सकता। सबके भले में अपना भला। इसलिए सब मिलकर काम करेंगे। यह सहकारिता का भाव है। लोकतंत्र भी एक प्रकार से सहकारिता है। इस दौरान सीएम ने कई जिलों की सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सीधी बात की। इस दौरान उन्होंने कामकाज के बारे में जाना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में सभी ने मिलकर कोरोना को कम करने का प्रयास किया है, यह भी सहकारिता के भाव से किया गया है। यदि सहकारिता का भाव सभी बातों में आ जाए तो दुनिया में सारी झंझट ही खत्म हो जाए। झगड़े समाप्त, उथल-पुथल खत्म। चीन आंखें दिखाना छोड़के, अमेरिका गुर्राना छोड़ दे। चौहान ने कहा कि किसानों का जो सबसे बड़ा सहारा है तो प्राथमिक सहकारिता संस्थाएं हैं गांवों में। मुख्यमंत्री ने डाक्टर कुरियन के बारे में कहा कि एक दुग्ध संस्था बनाते-बनाते किसानों को जोड़कर श्वेत क्रांति कर दी और अमूल जैसा उत्पाद खड़ा कर दिया, जो दुनिया को टक्कर दे रहा है। सांची भी पीछे नहीं हैं। दुग्ध सहकारी समितियां गांव-गांव में काम कर रही हैं। लोगों को आजीविका प्रदान कर रही है।
संकट में किसानों से खरीदा ज्यादा गेहूं
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से हमने सहकारी संस्थाओं के माध्यम से गेहूं खरीदा है और कोई माध्यम ही नहीं था। पिछले साल कोरोनाकाल में एक करोड़ 29 लाख मीट्रिक और इस साल एक करोड़ साढ़े 28 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदकर कल्याण का काम किया है। इस संकट के समय में किसानों का जो भला हुआ है वो कोई नहीं भूल सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत प्रधानमंत्रीजी ने कहा है, आत्मनिर्भर भारत यदि कोई बनाएगा तो वो सहकारिता आंदोलन ही बनाएगा। आत्मनिर्भर पैकेज को भी हम जमीन पर उतारने का काम कर रहे हैं। गृह निर्माण के क्षेत्र में भी सहकारिता है।
सीएम ने किया सीधा संवाद
इस मौके पर विपणन सहकारी संघ एवं आवास सहकारी संघ द्वारा निर्मित 55 नवीन गोदामों का ऑनलाइन लोकार्पण किया। इसमें सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया भी मौजूद थे। इस मौके पर चौहान ने प्रदेश के हितग्राहियों से सीधा संवाद करते हुए कहा कि इंदौर के रामनारायण ने बताया कि हमारी संस्था आलू का संग्रह करती है। कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था है। अधिकारियों का पूरा सहयोग सतत मिलता रहता है। वहीं विदिशा से मुकेश कुमार शर्मा ने बताया, आत्मनिर्भर भारत योजना अंतर्गत संस्था को एक करोड़ 44 लाख का लोन मिला है। इसका काम 6 माह में पूरा कर लेंगे।
सहकारिता हमारे देश की आत्मा
इस मौके पर सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सहकारिता के तत्व हमारी गरिमामय संस्कृति में बिखरे हुए हैं। सहकारिता हमारे देश की आत्मा में है। आत्मनिर्भर एमपी का जो सपना संजोया है। इस दृष्टि से क्या बेहतर प्रयास हो सकते हैं। उसका एजेंडा भी हमने बनाया है।
सीएम ने दी सहकारिता दिवस की बधाई
सहकारिता में सेवा व सहयोग की भावना और बढ़े, प्तअन्तर्राष्ट्रीय_सहकारिता_दिवस पर यही शुभकामनाएं! मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से लोगों के जीवन में सकारात्म बदलाव लाने का कार्य करने वाले सभी भाई-बहनों को प्तअन्तर्राष्ट्रीय_सहकारिता_दिवस की बधाई! एक और एक मिलकर ग्यारह हो जाते हैं, तो लक्ष्यों की प्राप्ति सुगम हो जाती है; यही सहकारिता की सुंदरता है और शक्ति भी।