Home मध्य प्रदेश मप्र के बाद अब केंद्र में भी दिखेगा सिंधिया का दबदबा

मप्र के बाद अब केंद्र में भी दिखेगा सिंधिया का दबदबा

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भोपाल । मप्र में पिछले साल मार्च में कमलनाथ सरकार के तख्तापलट में अहम भूमिका निभाने वाले राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा जल्द ही बड़ा तोहफा देने जा रही है। उन्हें मोदी सरकार में मंत्री पद दिया जाना लगभग तय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें रेलवे की कमान दे सकते हैं। भाजपा के एक बड़े नेता की माने तो मप्र के कोटे से एक मंत्री की छुट्टी हो सकती है। केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत और फग्गन सिंह कुलस्ते में से किसी को ड्रॉप किया जाता है तो राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय को मोदी अपनी टीम में शामिल कर सकते हैं। पार्टी की विजयवर्गीय को प्रारंभिक रणनीति खंडवा से लोकसभा चुनाव लड़ाने की है। यह सीट सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन से खाली हुई है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि पिछले सप्ताह एक कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री की ओर से कड़े फैसले लेने के संकेत दिये जा चुके हैं। उसी वक्त से ये कयास लगाये जा रहे हैं कि अच्छे प्रदर्शन नहीं करने वाले मंत्रियों पर गाज गिर सकती है। खबर है कि अनेक मंत्रियों पर यह खतरा मंडरा रहा है। पिछले महीने प्रधानमंत्री ने कई समूहों में बैठकें कर मंत्रियों के कामकाज की भी समीक्षा की थी।

यह संदेश भी देंगे मोदी

सिंधिया को केंद्र में लाकर नरेंद्र मोदी यह क्लियर मैसेज देंगे कि मप्र तो शिवराज सिंह चौहान ही संभालेंगे। सिंधिया राजपरिवार से ताल्लुक रखते हैं, फिलहाल वो राज्य सभा से भाजपा के सांसद हैं। लोकसभा में वह गुना का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। एमपी में कांग्रेस की सरकार गिराने और भाजपा की सरकार बनाने में ज्योतिरादित्य सिंधिया का रोल सबसे बड़ा था। सवा साल से सिंधिया कैबिनेट विस्तार का इंतजार कर रहे हैं। अब ईनाम मिलने का वक्त करीब आ रहा है।

मनमोहन सरकार में बनी थी एक्टिव मंत्री की छवि

जानकारों का मानना है कि मोदी ज्योतिरादित्य को कैबिनेट मंत्री बनाएंगे। इसकी वजह यह है कि मनमोहन सरकार में भी उन्होंने अपने कामों के चलते एक एक्टिव मंत्री की छवि बनाई थी। मनमोहन सिंह सरकार में सिंिधया ऊर्जा राज्यमंत्री थे। इस बार वे टीम मोदी में शामिल होते हैं, तो फिर वे अपना काम दिखा पाएंगे। उनकी क्षमताओं का लाभ उन्हें प्रस्तावित फेरबदल में मिलने की पूरी संभावना है।

भाजपा का फोकस नई लीडरशिप पर

सूत्रों की मानें, तो भाजपा का फोकस अब पार्टी में यूथ लीडरशिप को डेवलप करना है। इसे ध्यान में रखते हुए मोदी मंत्रिमंडल में मप्र कोटे से ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, ओडिशा के बैजयंत पांडा, महाराष्ट्र से देवेंद्र फडनवीस सहित कई युवा चेहरों को मौका मिल सकता है।

पहले टर्म में 6 महीने में हो गया था कैबिनेट विस्तार

पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने 6 महीने में ही कैबिनेट का विस्तार कर दिया था और मंत्रियों की संख्या 45 से बढ़ाकर 66 कर दी थी। इसके बाद सरकार के 2 साल पूरे होने के कुछ महीने बाद ही जुलाई 2016 में मोदी ने फिर कैबिनेट में फेरबदल कर मंत्रियों की संख्या बढ़ाकर 78 कर दी थी। इसके एक साल बाद भी उन्होंने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया था।

दूसरे टर्म में 57 मंत्रियों के साथ ली शपथ थी

मोदी ने अपनी दूसरी पारी शुरू करते समय 30 मई 2019 को 57 मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। मगर वर्तमान में उनकी टीम 53 मंत्रियों की ही है। दो मंत्री रामविलास पासवान और सुरेश अंगाड़ी का निधन हो चुका है, जबकि दो कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल और अरविंद सावंत इस्तीफा दे चुके हैं।

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