भोपाल । कोरोना की तीसरी लहर के अगस्त-सितंबर में आने की संभावना जताई जा रही है। इसके पहले सरकार ने अस्पतालों में सुविधाओं को बेहतर करने की तैयारी शुरू कर दी है।
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में प्रदेश के 5954 लोगों को गंवाने के बाद अब कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार ने कमर कस के तैयारी कर ली है। प्रदेश में डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मी सहित सभी स्वास्थ्य सुविधाएं सहित दस सेवाओं को अगले तीन माह के लिए अत्यावश्यक सेवाएं घोषित कर दिया है। इन सेवाओं से जुड़ा कोई भी व्यक्ति अब इन अत्यावश्यक सेवाओं में काम करने से इंकार नहीं कर सकेगा।
वर्तमान में भले ही कोरोना का प्रकोप कम हो गया है और सरकार ने अधिकांश बाजारों और सेवाओं तथा क्षेत्रों को अनलॉक कर दिया है लेकिन अभी भी कोरोना का संकट टला नहीं है। कोरोना की तीसरी लहर और कोरोना के डेल्टा प्लस वेरियेंट का प्रकोप सितंबर-अक्टूबर में बढऩे की संभावना है। इससे निपटने के लिए डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य सेवाओं और अत्यावश्यक सेवाओं की जरूरत पड़ेगी। इसलिए राज्य सरकार ने दस सेवाओं को अत्यावश्यक सेवाओं के दायरे में शामिल किया है।
निजी क्षेत्रों पर भी लागू होगा आदेश
सभी शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय संस्थाओं में अगले तीन माह तक सभी स्वास्थ्य सुविधाएं, डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मी,स्वास्थ्य संस्थानों में स्वच्छता कार्यकर्ता की सेवाओं को अत्यावश्यक घोषित किया गया है। इसके अलावा मेडिकल उपकरणों की बिक्री, संधारण एवं परिवहन, दवाईयां एवंड्रग्स की बिक्री, परिवहन एवं निर्माण से जुड़ी गतिविधियां, सभी एंबूलेंस सेवाएं, पानी एवं बिजली की आपूर्ति और सुरक्षा संबंधी सेवाएं, खाद्य एवं पेयजल प्रावधान एवं प्रबंधन और बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन को अत्यावश्यक सेवा घोषित किया गया है।
कलेक्टरों को आदेश जारी अनावश्यक अवकाश पर भी लगाएं रोक
गृह सचिव डी श्रीनिवास वर्मा ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को इस संबंध में निर्देश जारी करते हुए सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों से जुड़ी इन सभी दस सेवाओं को अत्यावश्यक सेवा घोषित करते हुए इनमें काम करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों और विशेषज्ञों को काम करने से इंकार करने, अनावश्यक अवकाश लेने पर रोक लगाने के निर्देश दिए है।