जम्मू । लेह-लद्दाख की यात्रा के दूसरे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पड़ोसियों को साफ संदेश दिया है। लेह वायु सेना अड्डे पर आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-चीन गतिरोध में उनके प्रयासों के लिए भारतीय वायुसेना के अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा, यदि कोई स्थिति उत्पन्न होती है तो हमारे पास किसी भी स्थिति से निपटने की क्षमता है। रक्षा मंत्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उनके पूर्ववर्तियों तक, सभी ने पड़ोसियों के साथ संबंध सुधारने का काम किया था। लेह में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अटल जी (पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी) ने एक बार कहा था दोस्त बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि यहां सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास की समीक्षा करने और अपने सैनिकों से मिलने और उनकी तैयारियों को समझने आया था। कल मैं पूरी तरह आश्वस्त होकर दिल्ली के लिए रवाना हो रहा हूं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि एक साल पहले बलों द्वारा किए गए करिश्माई कार्यों की राष्ट्र ने सराहना की है। थल सेना, वायु सेना द्वारा दिखाई गई ताकत से ऐसे बल को कौन हरा सकता है? रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेह में पारंपरिक ‘बारा खाना’ के दौरान वायुसेना, सेना, आईटीबीपी और जीआरईएफ के जवानों से मुलाकात की। लेह में कार्यक्रम से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमावर्ती बुनियादी ढांचों में वृद्धि पर सरकार द्वारा जोर दिए जाने के तहत छह राज्यों एवं दो संघशासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित 63 पुलों को सोमवार को राष्ट्र को समर्पित किया। तीन दिवसीय लद्दाख यात्रा पर आये सिंह ने लेह से 88 किलोमीटर दूर क्यूंगम में एक कार्यक्रम में इन पुलों का उद्घाटन किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के ‘एतिहासिक’ फैसले से राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत हुई है और आतंकी गतिविधियों में काफी कमी आई है। लद्दाख में एक कार्यक्रम के दारौन अपने संबोधन में सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की
जम्मू कश्मीर के राजनेताओं से हालिया संपर्क पहल का भी जिक्र किया और कहा कि सरकार नहीं चाहती कि क्षेत्र में लंबे समय तक यही स्थिति बरकरार रहे।