भोपाल । दुनिया की सबसे भीषणतम त्रासदी में से एक भोपाल गैस कांड के लिए जिम्मेदार कंपनी यूनियन कार्बाइड के परिसर में रखा मौत का कचरा अब 36 साल बाद हटाया जाएगा। इस कचरे को हटाने के लिए राज्य सरकार 370 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। गुजरात की 2 कंपनियों ने कचरा हटाने के लिए सरकार के सम्मुख प्रेजेंटेशन भी पेश किया है। 1983 में यूनियन कार्बाइड कंपनी से लीक हुई जहरीली गैस से करीब 30 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस त्रासदी का दंस आज भी लोग झेल रहे हैं। घटना के 38 साल बाद भी यह कचरा बेहद खतरनाक माना जा रहा है, जिसे हटाने के लिए बेहद सतर्कता बरती जाएगी।
भोपाल गैस त्रासदी के 36 साल बाद सरकार ने यूनियन कार्बाइड कारखाने के गोदाम और उसके बाहर आरओबी के पास तालाब में दफन जहरीले कचरे को नष्ट करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सरकार ने पहली बार इसी महीने टेंडर जारी किया है। इसमें गुजरात की दो कंपनी, चेतन कुमार वीरचंद भाईसा मल्टी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और ऑयल फील्ड एनवायरो प्राइवेट लिमिटेड ने कचरे को नष्ट करने के लिए टेक्निकल प्रेजेंटेशन गैस राहत विभाग के मंत्री विश्वास सारंग के सामने दिया है। अगले एक हफ्ते में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और राज्य सरकार के ऑफिसर की कमेटी इन दो कंपनियों की टेक्निकल कैपेबिलिटी जांचेगी। ये देखेगी कि कंपनी इस काम को कर सकती है या नहीं। इसके बाद दस दिन के भीतर इन्हें वर्क ऑर्डर जारी कर दिया जाएगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद कंपनी जहरीले कचरे के सैंपल लेगी। जिसकी टेस्ट रिपोर्ट आने पर यहां से कचरा कलेक्शन शुरू होगा। गोदाम से कचरा उठाने से लेकर इंसीनेरेेटर में जलाने तक का काम कंपनी ही करेगी। इसके लिए उनके पास चार महीने का वक्त होगा। कचरा निपटाने और फैक्टरी परिसर की सफाई पर केंद्र सरकार ने करीब 350 करोड़ खर्च का अनुमान लगाया है। हालांकि ये पैसा अभी राज्य सरकार को नहीं मिला है।
कारखाने के भीतर 137, बाहर 200 मीट्रिक टन कचरा
यूका की 87 एकड़ जमीन में से 30 एकड़ पर लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। 57 एकड़ में यूका फैक्ट्री बनी हुई है। परिसर में बने शेड में करीब 137 मीट्रिक टन कचरा बैग में भरा हुआ रखा है।सड़क पर बने आरओबी के पास तालाब में यूका का 200 मीट्रिक टन से ज्यादा का कचरा दफन है। ये कचरा सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की निगरानी में सिक्योर लैंड फील साइट पर दफन करवाया गया था।