भोपाल । कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध आज भी जारी है। 26 जून को किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होंगे। इस मौके पर किसान देशभर में आंदोलन करने जा रहे हैं। मप्र में तहसील से लेकर ब्लॉक स्तर तक किसान कृषि कानून को वापस लेने के लिए राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। किसानों का विरोध प्रदर्शन 2024 तक जारी रहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने बिना नाम लिए कहा कि आगामी आम चुनाव तक वह केंद्र सरकार और भाजपा का विरोध करती रहेगी। उन्हें बंगाल हराया है बाकी जगह भी हराएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य शिवकुमार कक्का जी ने कहा कि कृषि कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन एक बार फिर रफ्तार पकड़ेगा। कोरोना गाइडलाइन के साथ मध्य प्रदेश में जिला मुख्यालय से लेकर तहसील और ब्लॉक स्तर तक प्रदर्शन किया जाएगा और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा। सरकार 7 महीने बाद भी मांगों को लेकर सजग नहीं है, इसीलिए इस बार का विरोध प्रदर्शन गांधीवादी तरीके से किया जाएगा। शुरुआत में प्रतीकात्मक रूप से सरकार को कानून को वापस लेने ज्ञापन सौंप रहे हैं। इसके बाद देशभर में आंदोलन उग्र होगा।
किसानों के साथ शुरू होगा दिल्ली चलो अभियान
संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य शिव कुमार कक्का जी ने कहा कि अब फिर से दिल्ली चलो अभियान की शुरुआत होगी। बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। हमारा मिशन बंगाल इलेक्शन था। बंगाल इलेक्शन की सफलता के बाद अब मिशन यूपी की शुरुआत होगी। मिशन यूपी के बाद मिशन पंजाब की शुरुआत होगी। 2024 तक चुनाव वाले हर राज्य में हमारा यह मिशन जारी रहेगा। कृषि कानूनों की किसानों को कोई आवश्यकता नहीं है। यही वजह है कि इन अनुपयोगी कृषि कानूनों को लेकर विरोध चलता रहेगा।
26 नवंबर को शुरू था किसान आंदोलन
गौरतलब है कि कृषि कानून के विरोध में किसानों के आंदोलन की शुरुआत पिछले साल 26 नवंबर को हुई थी। पंजाब से है शुरू हुए इस विरोध ने करीब-करीब पूरे देश में माहौल सरकार विरोधी बना दिया था। दिल्ली में तीनों बॉर्डर पर किसान 7 महीने बाद भी डटे हुए हैं। कृषि कानून के वापस न लेने तक किसानों का आंदोलन लगातार जारी रहेगा।