भोपाल। यातायात की तरह वाहन चोरी भी पुलिस के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। काफी प्रयासो के बाद भी पुलिस इस पर लगाम नहीं लगा पा रही है। पिछले साल हर माह करीब 150 गाडिय़ां चोरी हो रही थीं। वही अब लॉकडाउन के बाद भी इस साल पहले पांच माह में वाहन चोरी की घटनाओं में कमी नहीं आई है। लॉक डाउन में पुलिस की सख्ती ओर मुस्तैदी के दावों और सड़कों पर तीन हजार जवानों की तैनाती के बीच वाहन चोरों ने जमकर धमाल मचाया है। जानकारी के अनुसार बीते साल 2020 के पुलिस रिकार्ड पर नजर डाली जाये तो सामने आता है, कि उस साल के शुरुआती पांच महीनो मे शहर में करीब साढ़े सात सौ वाहन बदमाशो ने उडाये थे, यानि करीब 150 वाहन हर माह चोरी हुए थे। वहीं 2021 के आंकडो पर नजर डाले तो बीते पांच माह में ही सात सौ से अधिक गाडिय़ां चोरी हो चुकी हैं। इस हिसाब से हर माह 140 गाडिय़ां चोरी हुई हैं, जबकि शहर में दो माह के करीब लॉक डाउन लगा हुआ था। इसके बाद भी पिछले साल की तुलना में हर माह चोरी होने वाले वाहनों में कोई खास कमी नहीं आई है। गोरतलब है कि पूर्व में क्राइम ब्रांच और पुलिस के कुछ थानों में जब शराब तस्कर पकड़ाए तो पता चला कि उनके पास जो गाडिय़ां थीं वह चोरी की थीं। इसी के साथ चोरी के वाहनों को लूट आदि की वारदातों सहित अन्य अपराधिक घटनाओं में भी पूर्व में इस्तमाल किया जा चुका है। हालांकि ऐसा नहीं है, कि पुलिस वाहन चोरों को पकड़ नहीं पाती है। हर माह दो-चार गिरोह पुलिस के हाथ लगते हैं, और उनसे गाडिय़ां बरामद भी होती हैं, लेकिन शहर में जितनी गाडिय़ां चोरी होती हैं उसका दस प्रतिशत भी बरामद नहीं हो पाती हैं।