बिलासपुर । कोरोना काल में राशन माफिया मरे हुए लोगों के राशन में भी डाका डालने से नहीं चूके। जिला प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी कुछ राशन दुकानदारों (कोटेदारों) ने मनमानी की और जो लोग समय पर राशन नहीं ले पाए उनके राशन गबन कर दिया गया। पड़ताल की तो ये एक ही वार्ड में 200 से अधिक मामले सामने आए हैं, जहां राशन नहीं उठाने वालों के नाम पर राशन डकार लिया गया है।
एक साल से चल रहा है खेल
पड़ताल की तो पाया कि कोरोना काल में राशन दुकानों तक नहीं आने वाले लोगों के नाम पर फर्जी तरीके से पिछले एक साल से राशन का आहरण किया जा रहा है। प्रारंभिक पड़ताल में निगम के माधव राव सप्रे वार्ड में 200 से अधिक राशन कार्ड पर फर्जी आहरण कर लिया गया है। 35 किलो चावल के हिसाब से अंदाजा लगाया जाए तो एक महीने में सात हजार किलो चावल और एक साल में 200 राशन कार्ड के हिसाब से करीब 84 हजार किलो यानी 840 क्विंटल चावल का फर्जी आहरण कर लिया गया। बाजार भाव में 20 रुपये प्रति किलो हिसाब से राशन दुकानों से करीब 16 लाख 68 हजार रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया। ऐसी ही शिकायतें अन्य वार्डों से भी आ रही है। यदि सभी कार्डों के राशन कार्डों का भौतिक सत्यापन करें तो यह आंकड़ा करोड़ों में पहुंच सकता है।
मृत व्यक्ति के नाम पर भी निकला राशन
बड़े फर्जीवाड़े का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि आरोपितों ने मृत व्यक्ति के नाम से भी राशन का फर्जी आहरण कर लिया। पांच अप्रैल 2021 को मृत व्यक्ति के नाम से 24 अप्रैल 2021 को 35 किलो राशन कार्ड क्रमांक 223876867126 का फर्जी आहरण कर लिया गया। यह राशन रिद्धी सिद्धी प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार से निकाला गया है। वहीं स्थानीय निवासी सूर्यकांत देवांगन की मृत्यु 13 मार्च 2021 को हुई और आनलाइन आहरण में इन्हें 27 मार्च को राशन का आरहण करते दर्ज किया गया है।
शिविर के कार्ड बाद में मिले, पहले ही उठ गया राशन
हाल ही में नगर निगम रायपुर की ओर से तुंहर सरकार, तुंहर द्वार अभियान के तहत के बड़ी संख्या में राशन कार्ड बनाने के लिए लोगों ने आवेदन किया था। राशन कार्ड बनकर आया और इससे पहले कोरोना की दूसरी लहर आ गई । जो लोग अपना राशन कार्ड भी नहीं ले पाए थे उनके नाम से भी राशन निकाला जा चुका है। अकेले रायपुरा इलाकों में कई लोग ऐसे हैं जिन्हें राशन कार्ड बाद में मिला और उनके नाम से चावल पहले ही ले लिया गया है।