बिलासपुर । नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कवर्धा जिला सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा कांग्रेस सरकार के अनिर्णय की स्थिति को लेकर इस्तीफा देने को विवश है। प्रदेश सरकार के पास केवल कर्मचारियों के हित के नाम पर छलावा करने के अलावा कुछ भी नहीं है। जिस तरह से समितियों में शेष धान का उठाव व परिवहन 20 जून तक पूर्ण करवाने और समस्याओं के निराकरण के लिए उचित कार्रवाई नहीं करने पर कर्मचारियों ने इस्तीफा देने का फैसला लिया है।उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के करीब दो हजार समितियों में धान का उठाव नहीं हुआ है। अब भी कई लाख क्विंटल धान खराब होने की स्थिति में हैं। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर, सरगुजा संभाग में हालात एक जैसे हैं। यही कारण है कि कबीरधाम जिले के 94 धान खरीदी केंद्र में लगभग 60 लाख क्विंटल धान का परिवहन किया जाना है, लेकिन परिवहन नहीं होने से समितियों के सामने इसके रखरखाव का संकट हैं।
इधर बैगा जनजाति के मौत मामले की गंभीरता से हो जांच: विष्णुदेव
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने देश की संरक्षित जनजाति बैगा आदिवासियों के मौत के मामले पर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि कवर्धा के पंडरिया ब्लाक में एक महीने के अंदर पांच बैगा आदिवासियों की मौत हो चुकी है। यह मामला गंभीर तब हो जाता है, जब 15 दिन के भीतर ही चार बैगा आदिवासियों की मौत हो जाती है।
आखिरकार किन परिस्थितियों में मौतें हुई है, उसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। साय ने कहा कि कांग्रेस सरकार केवल वनवासी समाज को वोट बैंक मानकर दिखावा कर रही है। सरकार को जरा भी समाज की लोगों की चिंता होती तो संरक्षित बैगा आदिवासियों की जीवन रक्षा को लेकर बेहतर कार्य करती और इस तरह से उनकी मौतें नहीं होती।