जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
एसईसीएल के द्वारा भू-अधिग्रहण हेतु केंद्रीय सरकार कोयला धारक क्षेत्र अर्जन और विकास 1957 की धारा 11,23 फ रवरी 2016 को अर्जन कर लिया है भूमि अर्जन पुनर्वास और पुनव्र्यस्थान में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिनियम 2013 की अवहेलना व बाजार मूल्य की अवधारना बराबर करने प्रभावित क्षेत्र के किसानों द्वारा कोयला सचिव कोल मंत्रालय, भारत सरकार, मुख्य सचिव भारत सरकार, मुख्य सचिव रेलवे, महामहिम राज्यपाल, मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन जिलाध्यक्ष रायगढ़ एसडीएम धरमजयगढ़ तथा कार्यलय सीएमडी महाप्रबंधक एसईसीएल रायगढ़ के साथ प्रधान कलकत्ता को जुलाई 2020 को प्रेषित किया है। उक्त परियोजना में 7 गांव प्रभावित हो रहा है। दुर्गापुर, शाहपुर धरमजयगढ़, तराईमार, बायसी बायसी कालोनी व धरमजयगढ़ कालोनी सभी गांवों का अलग-अलग भूमि का बाजार मूल्य है। ग्राम तराईमार की भूमि प्रति एकड़ 5 फ रवरी 2014 को धारा 4 क, प्रकाशन से 30 जून 2020 तक समस्त उपकरण बनाकर प्रति एकड़ 22 लाख रुपये तथा धरमजयगढ़ कालोनी की भूमि की प्रति एकड़ 10 लाख रुपये है। आजादी के बाद से पटवारी हल्का नम्बर 33 धरमजयगढ़ कालोनी की भूमि की खरीदी बिक्री पुनर्वास ग्राम होने के कारण नहीं हो पाया है। जिस कारण शासन द्वारा निर्धारित भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 बाजार मूल्य विसंगत है। भू अर्जन पुनर्वास और पुनव्र्यस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिनियम 2013 में स्प्ष्ट उल्लेखित है। आपके द्वारा भूमि के बाजार मूल्य का अवधारणा करने में निकटवर्ती ग्राम व निकटवर्ती समीपस्त क्षेत्र में स्थित उसी प्रकार की भूमि के लिए औसत बिक्री मूल्य या भूमि अर्जन के मामले में धारा 2 की उपधारा 2 के अधीन कराए या पाये गये प्रतिकार की समस्त रकम इनमें से जो हैं। उल्लेखित है। प्रभावित गांवों कुल भूमि में एक ही परियोजना और अलग-अलग ग्रामों की अलग -अलग बाजार मूल्य है जबकि पुनर्वास बाजार मूल्य बहुत ही कम है। तथा विस्थापन नीति के तह्त बसाया गया ग्राम दोबारा विस्थापित किया जाना नियम विरुद्ध है।