Home मध्य प्रदेश जमीनी-आसमानी कीमतों पर लगाम कसने की तैयारी

जमीनी-आसमानी कीमतों पर लगाम कसने की तैयारी

30
0

भोपाल । कीमतों के मामले में कभी जमीन तो कभी आसमान पर पहुंचने वाले प्याज के भाव नियंत्रित रखने के लिए केंद्र सरकार इस साल खरीफ सीजन में प्याज का रकबा बढ़ाने के भरपूर जतन कर रही है। इसके लिए मप्र सरकार का उद्यानिकी विभाग किसानों को खरीफ सीजन में प्याज बोने को प्रोत्साहित करने के लिए 20 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर का बीज अनुदान भी दे रहा है। प्रदेश में खरीफ सीजन की प्याज का रकबा बहुत कम है, जिसमें करीब 30 फीसदी बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा गया है।

मप्र के अलावा उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा आदि राज्यों में भी खरीफ की प्याज का रकबा बढ़ाया जा रहा है। उद्यानिकी विभाग खरीफ प्याज का रकबा जरूर बढ़ाने जा रहा है, लेकिन इस बार बीज की कमी मुश्किल बन रही है। उद्यानिकी विभाग द्वारा राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ) से किसानों को देने के लिए बीज लिया जा रहा है। एनएचआरडीएफ हर साल करीब 40 क्विंटल बीज उपलब्ध कराता रहा है, लेकिन इस बार इसे 80 क्विंटल तक ले जाने की कोशिश की जा रही है।

इस साल प्याज के बेहतर भाव

इस साल किसानों को प्याज के भाव भी बेहतर मिले हैं। इसे देखते हुए वे भी खरीफ सीजन में प्याज लगाने के लिए आगे आ रहे हैं। इस साल तो बीज बढ़ाया ही है, अगले साल इसमें और इजाफा किया जाएगा। उद्यानिकी विभाग मुख्यालय के संयुक्त संचालक आईबी पटेल का कहना है कि एनएचआरडीएफ से तो हम कई जिलों को एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत प्याज का बीज उपलब्ध करवा रहे हैं, लेकिन निजी कंपनियों से भी कई किसान बीज ले रहे हैं।

रबी में प्याज की ज्यादा बुवाई

प्रदेश में प्याज की ज्यादा बुवाई रबी में होती है। खरीफ में प्याज का रकबा बढऩे से प्याज की उपलब्धता का संतुलन बना रहेगा। खरीफ में प्याज कम होने से जून से लेकर अगस्त के बीच प्याज के भाव काफी बढ़ जाते हैं। दो-तीन साल पहले 50-60 रुपए तक रेट गए थे। मंडी में फिलहाल अच्छी प्याज का थोक भाव 20-22 रुपए किलो मिल रहा है। किसान को कम से कम इतना भाव तो मिलना चाहिए।

प्रदेश के इन जिलों में होता है खरीफ का प्याज

प्रदेश के उज्जैन, इंदौर, रतलाम, मंदसौर, नीमच, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, शाजापुर, आगर-मालवा, राजगढ़ जिलों में ही खरीफ के सीजन में प्याज होता है। अन्य जिलों के किसान केवल रबी में ही प्याज पैदा करते हैं। ऐसे में उद्यानिकी विभाग ने परंपरागत जिलों के अलावा रायसेन, होशंगाबाद, जबलपुर, छिंदवाड़ा, छतरपुर, सागर, दतिया, दमोह, सिंगरौली, डिंडौरी जैसे जिलों में भी खरीफ सीजन की प्याज फसल को प्रोत्साहित कर रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here