भोपाल । कोरोना काम में वास्तविक उत्खनन के आधार पर अप्रैल से जून तक हर महीने रॉयल्टी में 100 फीसदी छूट की रेत ठेकेदार की मांग पर शासन ने औसत 20 फीसदी छूट पर सहमति दे दी है। लेकिन इसके साथ ही वर्ष 2023 के लिए एग्रीमेंट (अनुबंध) को अभी करने की शर्त ठेकेदारों के सामने रख दी है। मनचाही छूट न मिलने, 2023 का अनुबंध अग्रिम कराने की शर्त को लेकर ठेकेदार असमंजस में हैं। दोनों पक्षों में सहमति न बन पाने के कारण छूट संबंधी आदेश अब तक जारी नहीं हो सके हैं। नदियों से रेत निकालने की अनुमति बारिश काल समाप्त होने पर सितंबर या अक्टूबर में मिल सकेगी। ऐसे में अब जिले में रेत का वैध उत्खनन तीन महीने के लिए और टल गया है। वैध उत्खनन बंद होने से जिले में रेत की किल्लत और बढऩे के साथ कीमत और अवैध उत्खनन भी बढऩे की आशंका है।
प्रदेश के 26 जिलों के रेत ठेकेदार पिछले साल व वर्तमान वर्ष के कोरोना कर्फ्यू के दौरान रेत उत्खनन न होने का हवाला देकर वास्तविक रेत उत्खनन के आधार पर रॉयल्टी में सौ फीसदी छूट चाह रहे हैं। शासन ने करीब एक महीने से रेत ठेकेदारों से चल रही वार्ता के बाद अप्रैल 2021 के लिए रॉयल्टी में 30 फीसदी, मई 2021 के लिए 20 फीसदी और जून 2021 के लिए 10 प्रतिशत तक रॉयल्टी में छूट देने पर सहमति दी है। लेकिन साथ में वर्ष 2023 के अनुबंध की अनिवार्य शर्त रख दी है। जिसके बाद से ठेकेदार असमंजस के चलते अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं। यही वजह है कि शासन और रेत ठेकेदारों के बीच वार्ता का निष्कर्ष न निकलने से छूट का आदेश भी जारी नहीं हो सका है।
कुछ ठेकेदार हाईकोर्ट जाने की तैयारी में
प्रदेश के 26 जिलों के रेत ठेकेदारों के बीच शासन की वार्ता में निष्कर्ष न निकल पाने के बाद ठेकेदार अब कोरोना कर्फ्यू के आधार पर काम बंद रहने पर रॉयल्टी में सौ फीसदी छूट के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं। साख तौर पर प्रदेश में सबसे महंगी दरों पर रेत का ठेका लेने वाले ठेकेदार छूट के लिए कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं। इन ठेकेदारों ने अप्रैल से ही रॉयल्टी की राशि जमा करना बंद कर दी थी। छतरपुर की रेत ठेका कंपनी आनंदेश्वर एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड पर ।अप्रेल,मई और जून का हर महीने की रॉयल्टी 8 करोड़ 67 लाख के हिसाब से अब 26 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि बकाया है।
26 जिलों में रेत खनन तीन महीने से ठप
प्रदेश के 37 में से 26 जिलों के ठेकेदारों ने मई की रॉयल्टी रोकने के साथ ही खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह और प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह से मिलकर एक साल पुरानी मांग पूरी करने का दबाव बनाया था। इसमें लॉकडाउन के दौरान वास्तविक रेत खनन के आधार पर रॉयल्टी लेने की बात के साथ किश्त में छूट देने को भी कहा है। कंपनी कोरोना कफ्र्यू के दौरान काम के ठप होने का बहाना देकर किश्तों में छूट चाहती है। यही वजह है कि कंपनी ने कामकाज बंद कर दिया है और सरकार से बातचीत जारी रही लेकिन वर्षाकाल शुरु होने तक बातचीत का कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है।