भोपाल । साल 2014 बैच के आइएएस अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ को जान से मारने की धमकी मामले में नया मोड़ आ गया। उन्हें गुरुवार देर रात मोबाइल पर जान से मारने की धमकी मिली, जिसकी शिकायत पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी से करते हुए सुरक्षा देने की मांग की है। मामले की जांच के लिए भोपाल डीआईजी इरशाद वली जांगिड़ के पास पहुंचे तो उन्हें कोई साक्ष्य नहीं मिला। डीआईजी की पूछताछ में जांगिड़ ने कहा कि जिस सिग्नल एप पर उन्हें धमकी मिली थी, उसे उन्होंने अपने मोबाइल से हटा दिया है। बता दें कि जांगिड ने बड़वानी कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा पर खुलेआम भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। गौरतलब है कि जांगिड़ अपने सारे मोबाइल कॉल रिकार्ड किया करते थे। उनके पास भौतिक साक्ष्य के रूप में पुलिस को देने के लिए कुछ नहीं था।
जांगिड़ ने बताया कि उन्हें गुरुवार को रात साढ़े 11 बजे के आसपास मोबाइल नेटवर्किंग एप सिग्नल पर अज्ञात नंबर से धमकाया गया कि तुम नहीं जानते हो, तुमने किन लोगों से पंगा ले लिया है। आरोप लगाकर तुमने मौत को बुलाया है। यदि अपनी और बेटे की जान की सलामती चाहते हो तो छह माह की छुट्टी लेकर चले जाओ। मीडिया से भी बात मत करना। ज्यादा शहादत का शौक मत पालो। इसके बाद फोन काट दिया। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को लिखी शिकायत में कहा कि इस धमकी और पूर्व में व्यापमं (प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड) के व्हिसिलब्लोअर के साथ जो हुआ, उसे देखते हुए मुझे व परिवार को जान का खतरा पैदा हो गया है। इसलिए मेरे किराए के आवास के पास गार्ड लगाने के साथ कम से कम दो सशस्त्र कमांडो दिए जाएं। जांगिड़ ने बड़वानी कलेक्टर पर उनके रहते भ्रष्टाचार नहीं कर पाने के आरोप आइएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के वाटसएप ग्रुप पर चैट के माध्यम से लगाए थे। साथ ही कलेक्टर को लेकर व्यक्तिगत बातें भी कही थी। उन्होंने सेवा नियम और व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठाते हुए सेवानिवृत्ति पर पुस्तक लिखने की बात कही थी।
इधर आइएएस एसोसिएशन ने लोकेश जांगिड़ से पल्ला झाड़ लिया है। एसोसिएशन ने जांगिड़ से खुद को अलग करते हुए कहा कि जांगिड़ को उचित फोरम पर अपनी बात रखनी चाहिए थी।उन्होंने जनता के बीच जाकर सर्विस रूल का भी उल्लंघन किया है। आइएएस एसोसिएशन ने यह भी कहा कि तबादला करना सरकार का अधिकार है। उधर जांगिड़ के फोन पर धमकी देने और सुरक्षा की मांग करने के बाद उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का साथ मिल गया है। सिंह ने गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा को पत्र लिखकर जांगिड़ को सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है। साथ ही कहा कि उन्होंने बड़वानी जिले में 55 लाख रूपये के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद में भ्रष्टाचार का मामला उठाया है।
इसके बाद उनका वहां से तबादला करके भोपाल पदस्थ कर दिया। इसके पहले भी आठ बार उनके तबादले किए जा चुके हैं। स्थानीय सांसद गजेंद्र सिंह पटेल और राज्यसभा सदस्य सुमेर सिंह सोलंकी ने भी उनके पक्ष में बयान दिए हैं। सिंह ने मांग उठाई कि इमानदार अधिकारी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। इस बारे में भोपाल डीआईजी इरशाद वली का कहना है कि लोकेश जांगिड़ का आवेदन प्राप्त हुआ है। जिसकी जांच की जा रही है। उन्हें जिस एप से धमकी प्राप्त हुई थी,उस एप को उनके द्वारा अनस्टॉल कर दिया गया है। जांच के लिए सर्विस प्रदाता से जानकारी मांगी गई है। जांगिड़ द्वारा अब तक कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया गया है।