नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर में कोविड से ठीक हुए मरीजों में सामने आए डिसऑर्डर्स और फंगसों के सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं। मरीजों की संख्या में इजाफे ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। इन बीमारियों के चलते अब लोगों के मन में कुछ और सवाल पैदा हो रहे हैं कि आखिर कोरोना ठीक होने के बाद भी वे स्वस्थ हैं या नहीं? कोरोना से रिकवर होने के कितने दिन बाद आखिर व्यक्ति खुद को स्वस्थ मान सकता है? नई-नई बीमारियों के आने के कारण कोरोना का प्रभाव और भी ज्यादा लंबा हो गया है। फंगस और लांग कोविड उसी का नतीजा हैं। हालांकि ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के पूर्व निदेशक एमसी मिश्र कहते हैं कि कोरोना होकर गुजर जाने के बाद भी आप स्वस्थ हैं या नहीं इसके लिए आपको कुछ वक्त देखना होगा। चूंकि कोरोना के ही कई रूप हैं। अगर कोई मरीज माइल्ड सिम्टोमैटिक है तो वह कोरोना के अपने नियमित समय यानि की 14 दिन में ठीक हो सकता है। उसके लक्षण ठीक होने के साथ ही वह पूरी तरह खुद को स्वस्थ मान सकता है।
डॉ मिश्र कहते हैं कि कोरोना के मॉडरेट या गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को ठीक होने में कम से कम चार हफ्ते का समय लग सकता है। लेकिन अगर किसी की सूंघने कर क्षमता आदि चली गई है तो उसे वापस आने में लंबा समय भी लग सकता है। अगर लक्षणों की बात करें तो जैसे जैसे बुखार, दर्द, खांसी, आवाज में बदलाव जैसे लक्षण खत्म हो जाते हैं मरीज ठीक हो जाता है। अगर ऑक्सीजन स्तर कम हुआ है या आईसीयू की जरूरत पड़ी है। मरीज अस्पताल में गया है तो भी उसे एक महीने से डेढ़ महीने का समय ठीक होने में लगता है। जहां तक लोगों में पोस्ट कोविड या लांग कोविड के रूप में आने वाली समस्याओं जैसे डायबिटीज, दिल संबंधी रोग, किडनी या लीवर में परेशानी, फेफड़ों की कोई बीमारी या ब्लड प्रेशर की समस्या होती है तो ये जीवन में लंबे समय तक परेशानी का कारक बन सकते हैं ऐसे में मरीज को स्वस्थ महसूस करवाना जल्दी ही संभव नहीं और इसका कोई तय समय भी नहीं है। हालांकि फिर भी कहा जाता है कि अगर किसी को कोरोना हुआ है और ठीक होने के छह हफ्ते बाद तक वह स्वस्थ महसूस कर रहा है और उसे कोई परेशानी नहीं हो रही है तो वह स्वस्थ है। यानि कि कोरोना ठीक होने के छह हफ्ते तक खुद का विशेष ख्याल रखना है। फिर चाहे कोई बड़ा हो या बच्चा।