भोपाल । भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट के रन-वे का घर्षण परीक्षण किया गया जिसमें रन-वे सुरक्षित लैंडिंग के मानकों पर खरा उतरा है। अब एयरपोर्ट पर विमान फिसलने की घटनाएं नहीं होंगी। एयरपोर्ट अथारिटी ने सुरक्षा की दृष्टि से रन-वे का घर्षण परीक्षण कराने के बाद वहां चिपके रबर के अवशेष आधुनिक मशीन की मदद से हटा दिए हैं। अवशेष हटाने के बाद किए गए परीक्षण में रन-वे सुरक्षित लैंडिंग के मानकों पर खरा उतरा है। आमतौर पर लैंडिंग के समय विमानों के टायर रन-वे पर काफी समय तक घर्षण करते हैं। इस दौरान टायरों से रबर निकलता है। यह रबर रन-वे की सतह से चिपककर उसे चिकना बना देता है। कई बार रन-वे चिकना होने के साथ ही तेज बारिश होने पर विमान फिसलने का खतरा बना रहता है। इसे देखते हुए एयरपोर्ट अथारिटी समय-समय पर रन-वे से रबर के अवशेष हटवाती है। पहले यह काम आसानी से नहीं हो पाता था।
अब अथारिटी ने इसके लिए स्वचलित रबर रिमूवल मशीनों की व्यवस्था की है। इसकी मदद से राजा भोज एयरपोर्ट के पूरे रन-वे पर फैला अतिरिक्त रबर हटा दिया गया। राजा भोज एयरपोर्ट के रन-वे पर ढाई साल पहले री-कार्पेटिंग भी करा दी गई थी। करीब तीन साल पहले विमान फिसलने की घटना के बाद एयरपोर्ट अथारिटी ने पूरे रन-वे की री-कार्पेटिंग करा दी थी। रन-वे पर विमानों की सुरक्षित लैंडिंग एवं टेकऑफ के लिए हर पांच या छह साल में री-कार्पेटिंग कराई जाती है। भोपाल में री-कार्पेटिंग के साथ ही रबर रिमूवल का काम पूरा होने से अब विमानों की सुरक्षित लैंडिंग हो सकेगी। भोपाल से आमतौर पर 15 जोड़ी विमानों की आवाजाही होती है।
कोरोना संकट के कारण एयर ट्रैफिक कम हो गया था लेकिन अब उड़ानें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं। आने वाले दिनों में पहले की तरह सभी उड़ानें फिर से शुरू होने की उम्मीद है। इस बारे में एयरपोर्ट डायरेक्टर केएल अग्रवाल का कहना है कि विमान जब रन-वे पर होता है, तब कई बार पायलट को ब्रेक लगाने होते हैं। इससे विमानों के टायर रबर के अवशेष छोड़ते हैं। ये धीरे-धीरे रन-वे पर जमा हो जाते हैं। इससे फिसलन हो सकती है। घर्षण परीक्षण के बाद रबर हटा दिया गया है। अब यात्रियों को सुरक्षा का एहसास होगा।