भोपाल । नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कारोबार से जुडे आरोपितों से रात भर पुलिस ने पूछताछ की। पुलिस को अनुमान है कि इस मामले से जल्दी ही पर्दा हट जाएगा। प्रदेश के जबलपुर शहर के नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मिलने के मामले में चार आरोपितों को गुजरात से लाकर कोर्ट में पेश किया गया था जहां चार दिन की पुलिस रिमांड स्वीकृत कर दी गई। आरोपितों से रात भर पूछताछ की गई। पुलिस को अनुमान है कि जल्द ही मामले से परदा हटा दिया जाएगा। इधर, सेंट्रल जेल जबलपुर में बंद सिटी हॉस्पिटल के फार्मासिस्ट देवेश चौरसिया को कोर्ट ने रिमांड पर देने से इनकार कर दिया। देवेश के साथ सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा का गुजरात से लाए गए आरोपितों से आमना-सामना कराने के लिए पुलिस दोबारा रिमांड की मांग करेगी।
गुजरात से लाए गए आरोपितों से पूछताछ के लिए एसआइटी ने कोर्ट से पांच दिन की रिमांड मांगी थी। मोरबी गुजरात निवासी पुनीत शाह, कौशल वोरा, रीवा निवासी सुनील मिश्रा और अधारताल निवासी भगवती फार्मा संचालक सपन जैन को गुजरात से लाने के बाद गुरुवार को एसआइटी ने जस्टिस मोना शुक्ला की कोर्ट में पेश किया। एसआइटी ने आरोपितों से पूछताछ के लिए पांच दिन रिमांड की मांग की। कोर्ट से चार दिन की रिमांड मिलने के बाद चारों को क्राइम ब्रांच थाना में रखा गया, जहां रात भर उनसे पूछताछ की गई। बताया जाता है कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर व एसआइटी प्रभारी रोहित काशवानी के नेतृत्व में गठित टीम में सीएसपी अखिलेश गौर समेत अन्य चुनिंदा अधिकारियों को आरोपितों से पूछताछ में लगाया गया है। नकली इंजेक्शन बनाने की कंपनी चलाने वाले पुनीत शाह व कौशल वोरा से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इंजेक्शन की फैक्ट्री वे कब से चला रहे थे। सपन जैन व सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर मोखा से उनका संपर्क कब से है। इसकी जानकारी भी उनके हलक से निकलवाई जाएगी की नकली इंजेक्शन के खेल में और कितने लोग शामिल हैं। जबलपुर में और कितने कारोबारियों अथवा अस्पतालों को नकली इंजेक्शन बेचे गए थे।
उम्मीद जताई जा रही है कि आरोपितों से चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। एसआइटी सपन जैन, राकेश शर्मा व सुनील मिश्रा से कड़ाई से पूछताछ कर सकती है। सपन जैन ने सिटी हॉस्पिटल में 465 इंजेक्शन 23 व 27 अप्रैल को भिजवाए थे। जिसमें से 35 इंजेक्शन उसने अपने कब्जे में रख लिया था। जिसे उसने पूर्व में गिरफ्तार आरोपित व अपने दोस्त राकेश शर्मा के साथ मोटरसाइकिल से जाकर तिलवारा में फेंक दिया था। एसआइटी अधिकारियों ने बताया कि आवश्यक होने पर सपन को तिलवारा ले जाकर इंजेक्शन फेंकने की घटना का रिक्रिएशन कराया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि सुनील मिश्रा ने नकली इंजेक्शन बेचने का विज्ञापन इंटरनेट मीडिया पर डाला था। जिसके आधार पर देवेश चौरसिया का संपर्क मिश्रा से हुआ था। बाद में सपन जैन को संपर्क नंबर देकर इंजेक्शन सप्लाई का काम सौंप दिया गया था। चारों आरोपितों के मोबाइल की सीडीआर व कॉल डिटेल पर भी एसआइटी नजर गड़ाए है।
अधिकारियों ने बताया कि सपन जैन, देवेश चौरसिया व राकेश शर्मा के बीच गहरा कनेक्शन है। इस बारे में पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा का कहना है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के प्रकरण में गुजरात से लाए गए आरोपितों से पूछताछ के लिए कोर्ट ने चार दिन की रिमांड स्वीकृत की है। चारों आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। आवश्यक होने पर सेंट्रल जेल में बंद प्रकरण से संबंधित कुछ आरोपितों से पूछताछ के लिए कोर्ट से रिमांड की मांग की जाएगी।